दिल वाले दुल्हनिया ले जाएंगे
दिल वाले दुल्हनिया ले जाएंगे
घर पर शादी का माहौल, तैयारियां चल रही थी।नितिन सामान उठाकर रख रहा था। सारा सामान अच्छे से सैट कर मां से बोला,सारे काम हो गए है।मैं अभी जाता हूं। शाम को आता हुआ सब्जी मंडी से सब्जी लेता आऊंगा।
तभी वैष्णवी ने उसे कहा आज शाम को जल्दी आ जाना भाई।आज लेडीज़ संगीत है उसने वैष्णवी को एक नजर देखा और मुस्कुराकर कुछ सोच आगे बढ़ने लगा। भाई........ तू भी नाचेगा।वैष्णवी ने मजाक में कहा।क्यों नहीं......नाचूंगा इतना कह गाड़ी स्टार्ट करके वह सब्जी मंडी की तरफ निकल गया।
शाम को जब वापस लौटा तो लेडीज़ संगीत का कार्यक्रम शुरु हो चुका था। वैष्णवी सहेलियों के साथ डांस कर रही थी।नितिन को देखकर उसने उसे इशारा किया। आ जाओ......भाई नितिन उसे दूर से ही हाथ हिलाया और आगे बढ़ गया।
तभी डीजे पर गाना बज रहा था।दिलवाले......दुनिया ले जाएंगे। गाना सुनते ही नितिन कॉलेज की कुछ पुरानी यादों में खो गया।जब वो पहली बार कॉलेज गया था। जब यह फिल्म आई थी उसे भी लगता था कि जिंदगी किसी फिल्म की तरह चलेगी।रिया को दिल से चाहा।कॉलेज से नौकरी मिलने तक वह उसके प्यार का दम भरती थी।लेकिन समय और हालात कहां एक से रहते हैं वही रिया जो कभी उसके बिना रहती नहीं थी और उसे देखते ही सारे दोस्त मज़ाक में कह उठते थे कि दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे।
आज यह शब्द मज़ाक से लगते हैं। उसे याद आया जब रिया से आखरी बार मिला था।कितनी आसानी से उसने कह दिया.......कि वह अब्रॉड जा रही है।इंडिया में जॉब का और सैलरी का इतना रिस्पांस नहीं है।तभी वैष्णवी की आवाज गूंजी उसने देखा....वह उसके पीछे खड़ी थी भैया चलो ना।गाना अभी भी बज रहा था.......दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे। चलो भैया डांस करते हैं।नितिन भी डांस करने लगा। मन में सोच रहा था दुल्हनिया तो दिल में ही रह गई उसे तो दौलत ही भा गई।दिल वाले नहीं........दौलत वाले दुनिया दुल्हनिया ले जायेंगे। नितिन के मन में नाचते हुए भी यही चल रहा था।