Charumati Ramdas

Horror Crime

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Charumati Ramdas

Horror Crime

धनु कोष्ठक - २८

धनु कोष्ठक - २८

11 mins
222


लेखक: सिर्गेइ नोसव 

अनुवाद: आ. चारुमति रामदास 

20.01


कपितोनव सबके जाने का इंतज़ार करता है, - क्लोकरूम में उनकी नज़रों का कांटा नहीं बनना चाहता. उलाहने और सहानुभूति की नज़रों के प्रति उदासीनता दिखाते हुए अपने सामने देख रहा है. ये भी, और वो भी – हैं तो सही, मगर उन्हें किस हद तक महत्व दिया जा सकता है, ये एक बड़ा सवाल है, क्योंकि जिस पर वे डाली जा रही हैं, वह उन पर ध्यान ही नहीं दे रहा है, हालाँकि पास से गुज़रते हुए कोई संदेश तो देते हैं: ज्युपितेर्स्की की पार्टी के अशुभचिंतक लोग उस पर कड़ी नज़र डालते हैं, या सिर्फ मुँह फ़ेर लेते हैं; और कालेवन की पार्टी के साथी, उन्हें छोड़कर जो कपितोनव को ‘तालाब’ की मौत का ज़िम्मेदार मानते हैं (अपनों में भी ऐसे कुछ लोग हैं), जो यदि कपितोनव की नज़र से उनकी नज़र मिल जाती, तो उसकी तरफ़ गर्दन हिलाकर अभिवादन करने को या उँगलियों से ‘विक्टरी’ का निशान बनाने को तत्पर हैं.                   

संक्षेप में, वह इंतज़ार करता है. वो चले जाते हैं.

सिर्फ नीनेल उसके पास आई:

 “आपने बड़े संयम से काम लिया.”

हाँ, और कॉन्फ़्रेन्स का अध्यक्ष भी, जो कामकाज के कागज़ात समेटते हुए, औरों से पिछड़ गया था, अपनी ब्रीफ़केस लिए उसके पास आता है. हाँ, महाशय नेक्रोमैन्सर भी, शायद, पास आना चाहता था, क्योंकि वह अपनी जगह पर खड़ा है, और हॉल से बाहर नहीं जा रहा है.

 “मैंने वह सब किया, जो मेरे बस में था,” अध्यक्ष कहता है. “परिस्थिति काफ़ी बुरी भी हो सकती थी. आगे से कभी जल्दबाज़ी में कोई घोषणा न कीजिए.”

शायद उसे आभार प्रदर्शन करने वाले शब्दों का इंतज़ार था. कपितोनव ख़ामोश रहता है.

 “और, जो मैंने तब कोष्ठकों के बारे में कहा था, उस पर ध्यान मत दीजिए,” अध्यक्ष सलाह देता है और, अपनी पीठ के पीछे निकट आते हुए नेक्रोमैन्सर को महसूस करके, वह अपनी जगह से इधर उधर हिलने लगता है, ताकि नेक्रोमैन्सर पीठ के पीछे न रहे. “कोष्ठक – एक प्रतीक है...”

 “मगर धनु-कोष्ठक नहीं!” आगे बढ़ते हुए नेक्रोमैन्सर कहता है.

अब

 20.07


कपितोनव बैठा नहीं है, बल्कि खड़ा हो गया है. न तो उसे या किसी और को ही नेक्रोमैन्सर से किसी अच्छी बात की उम्मीद थी, मगर, वो जो नेक्रोमैन्सर ने किया किसी को भी चौंका सकता था.

उसने कपितोनव के कंधे को चूमा, मुड़ा और तेज़ क़दमों से हॉल के बाहर निकल गया.

कपितोनव का जैसे दम घुटने लगा, मगर अध्यक्ष और नीनेल ने यूँ दिखाया, जैसे नेक्रोमैन्सर की हरकत को उन्होंने देखा ही नहीं.

 “आपने बड़ी हिम्मत दिखाई,” अभी तक दरवाज़े की ओर देखते हुए नीनेल ने प्रशंसा के स्वर में कहा, “डटे रहिए और डटे रहिए. मैं आपकी प्रशंसक हूँ.”

वह उसका हाथ पकड़ती है.

 “बैन्क्वेट (भोज) में जाने का टाइम हो गया है.”

 “मैं? बैन्क्वेट में?” कपितोनव के मुँह से निकलता है.

 “नहीं, ये बैन्क्वेट नहीं होगा,” नेक्रोमैन्सर की अनुपस्थिति से प्रसन्न होकर अध्यक्ष कहता है. “ये कुछ और होगा. मेमोरियल-ईवनिंग होगी. फ़्यूनरल-फ़ीस्ट.”

 “चलिए, कपितोनव .”

 “प्लीज़, मुझे छोड़ दीजिए.” वह उसकी हथेली से हाथ खींचता है. “लाश अभी तक उठाई नहीं गई है, और आप लोग बैन्क्वेट में जाने को तैयार हो गए.”

 “अगर ‘तालाब’ ज़िन्दा होता, तो वो भी हमारे साथ चलता,” अध्यक्ष कहता है. “तो, इस तरह से हम उसे श्रद्धांजली दे रहे हैं – सब मिलकर, इन्सानों की तरह. पूरी इन्डस्ट्री. लाश...लाश में क्या है? लाश हमारे बगैर ले जाएँगे.”

 “आप मेरे साथ ऐसा क्यों कर रहे हैं?” नीनेल समझती नहीं है. “आप बिल्कुल ऐसे नहीं हैं, आप बड़े सलोने हैं, बड़े अच्छे हैं.”

 “कहीं आप सीरियसली तो नहीं सोच रहे हैं, कि मैं मेमोरियल-ईवनिंग में आऊँगा?” कपितोनव उनसे दूर हटता है.

 “क्या कह रहे हैं,” अध्यक्ष उसे रोकता है, “बल्कि, आपके बगैर तो इस मेमोरियल-ईवनिंग की कल्पना ही नहीं कर सकता! किसी और के बगैर तो समझ सकता हूँ, मगर आपके बगैर नहीं. आख़िर आप यहाँ ‘तालाब’ की मेहरबानी से ही तो हैं ना? क्या उसीने आपको नहीं ढूँढ़ा था? जाना चाहिए. अगर नहीं जाएँगे, तो बुरा होगा, ग़लत होगा. सब सोचेंगे, कि आप गुनाह के एहसास से परेशान हो रहे हैं, मतलब, आप गुनहगार हैं. या फिर, इससे भी बुरा होगा, कि आप इस बेकार के हंगामे से रूठ गए हैं, और वाक़ई में ये बेकार का ही है!...मगर आप तो इस शोरगुल से ऊपर हैं? हमारे षडयंत्रों से ऊपर. और महत्वपूर्ण बात, अपने आप को क़ातिल न समझें. आप क़ातिल नहीं हैं, नहीं ना?”

 “सुनिए, मैंने कुछ भी नहीं किया था. मुझे नहीं मालूम था कि वह 99 का अंक सोच रहा है. और अगर जानता तो? उसमें ऐसा क्या है? नहीं. मैं आपको बताऊँगा. मुझे याद आ रहा है. किसी ने भी आज तक...सुन रहे हैं?... अब तक किसी ने भी, कभी भी 99 संख्या नहीं बूझी थी. चौंकाने वाली बात है. मगर ऐसा ही है!”

 “मैं भी उसी बारे में कह रहा हूँ, थोडी ही देर के लिए रुकिए, और फिर चले जाइए. बस सिर्फ आना और जाना ही चाहिए. फिर ये आयोजन आपके हॉटेल में ही तो हो रहा है. आप वैसे भी वहीं जा रहे हैं ना? फ़ायरप्लेस वाले हॉल में पहुँचिए, कुछ देर ठहरिये और चले जाइए. ”

 “पहुँचेंगे और निकल पड़ेंगे, कपितोनव ,” नीनेल कहती है. “पहुँचेंगे और निकल पड़ेंगे.”

20.21

 

 “कपितोनव , बेवकूफ़ न बनो,” क्लोक-रूम में उससे कहती है.

उससे पहले ही कोट के बटन बन्द कर लिए, और दस्ताने पहन लिए, और वह सोच ही नहीं पाया कि दूसरा दस्ताना कहाँ है: दोनों ही तो बाईं जेब में थे.

 ‘सी-9’ से हॉटेल तक, कपितोनव अभी तक भूला नहीं था, काफ़ी नज़दीक है. अध्यक्ष तो बाहर निकलते ही सीधा लपका, जिससे, जैसा कि उसने कहा, लोगों की नब्ज़ पकड़ कर रखे, - सब लोग रेस्टॉरेंट में जमा हो चुके हैं, बस इन दोनों को छोड़कर: कपितोनव जाना नहीं चाहता और वहाँ इसलिए खिंचा जा रहा है, क्योंकि नीनेल उसे खींच कर ले जा रही है.

उसका हाथ पकड़कर आत्मविश्वास से ले जा रही है.

कपितोनव के दिमाग़ में आख़िरी साँस छोड़ता हुआ फ़ेरो ख़ुफ़ू 32 कौंध गया.

पीटरबुर्ग की सर्दियाँ आइसिकल्स और कड़ी बर्फ (हिम), दोनों के कारण अच्छी लगती हैं. इस रास्ते पर कड़ी, जमी हुई बर्फ़ आइसिकल्स से ज़्यादा डरावनी है.

ज़रा सा आड़ा-तिरछा क़दम पड़ा – और या तो गर्दन तुड़वा बैठोगे, या कूल्हे की हड्डी.

 “औरतें, कपितोनव , बड़ी भारी जादूगरनियाँ होती हैं,” नीनेल कहती है. “स्टेज पर नहीं, वहाँ तो मर्दों का राज चलता है, बल्कि जीवन में, रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में...हाँ और सपनों में भी!...ज़िन्दगी हमें मजबूर करती है. मजबूर करती है चालाकी करने के लिए, संख्याएँ बनाने के लिए, सीधे-साधे लोगों को रहस्यमय बनाने के लिए. उम्र को ही ले लीजिए. क्या ख़याल है, मेरी उम्र कितनी होगी?”

 “मैं इस बारे में नहीं सोच रहा हूँ,” चलते हुए - आगे बढ़ते हुए (कभी यहाँ, कभी वहाँ पैदल चलने वाले गिर रहे हैं) कपितोनव जवाब देता है.

 “क्यों नहीं सोच रहे हैं? आप सोचिए! क्या सोचने में मुश्किल हो रही है? चलिए, सोचिए, सोचिए, मेरी उम्र कितनी है?”

कपितोनव के दिमाग़ में, अचानक, अपने आप, दिमाग़ के मालिक की इच्छा पर निर्भर हुए बिना, 36 का अंक बनता है. जहाँ तक ख़ुद कपितोनव का सवाल है, वह ख़ामोश रहता है.

 “आपने सोचा: 36! फ़ेन्टास्टिक, कपितोनव , मैं आपके प्यार में गिरफ़्तार होने के लिए तैयार हूँ, मगर, नहीं, घबराइए नहीं, मैं किसी भी हालत में ऐसा नहीं करूँगी!”

 “आपको कैसे मालूम कि मैंने क्या सोचा था?”

 “मैंने आपके ख़याल को पढ़ लिया! यक़ीन कीजिए, वो जटिल नहीं है! क्या आपको मेरा जादू अच्छा लगा? अगर आप चाहें तो आपको इसका राज़ बता दूँ?”

कपितोनव जवाब नहीं देता.

 “कपितोनव , ये तो एलिमेन्ट्री है! मैं बिल्कुल अपनी उम्र की ही लगती हूँ.”

और वह मानो संक्रामक हँसी से सराबोर हो गई, मगर इतनी भी संक्रामक नहीं, कि कपितोनव को संक्रमित कर दे. वो ख़ामोश है. वैसे ही चलते हैं.

 “कपितोनव , आपको क्या हो गया है? होश में आइए! मैं नीनेल पिरागोवा हूँ. याद आया? मैं ट्रिक्स-डाइरेक्टर हूँ. और आप बहादुर हैं. आपने बड़े संयम से काम लिया. मगर, यदि आपने ट्रिक से इनकार कर दिया, तो मैं आपके लिए ट्रिक का आयोजन कैसे करूँगी?”

 “नीनेल,” कपितोनव कहता है, “मगर ये वाक़ई में ऐसा ही है: वो पहला था, जिसने 99 की संख्या सोची थी. उम्मीद करता हूँ कि वो ही आख़िरी भी होगा.”

 “आह!” वह फ़िसलती है, मगर उसकी मदद से, अपनी जगह पर जमी रहती है.

 “देखिए,” कपितोनव कहता है. “वहाँ नेक्रोमैन्सर जा रहा है. वो क़रीब-क़रीब गिर ही गया था.”

 “मतलब, ऐसा करना चाहिए. चलते रहिए, चलते रहिए. अगर पैर ले जा रहे हैं, तो इसका मतलब है, कि चलना चाहिए.”

 “न तो पैर ही ले जा रहे हैं, और न ही दिमाग़ चाहता है!” कपितोनव शिकायत के सुर में कहता है.

 “और, क्या वो चाहता था? क्या वो मरना चाहता था? आपने उससे नहीं पूछा?”

 20.38


 “आप अन्दर जाइए, मैं नहीं जाऊँगा.”

 “फिर वही? फ़ौरन बन्द कीजिए! आप मुझे गुस्सा दिला रहे हैं.”

हॉल में – चौकीदार है, उसे देखकर तो कहना मुश्किल था कि वह सचमुच का सिक्यूरिटी-ऑफ़िसर है, या दिखाने के लिए किसी को भी खड़ा कर दिया था.

 “शोक-सभा के अपने-अपने आयोजन होते हैं,” नीनेल समझाती है, “परिस्थिति को देखते हुए, यहाँ हमारा आदमी होना चाहिए था. हो सकता है, कि मेरे पर्स में कोई ग्रेनेड हो, आपकी आस्तीन में - हेरोइन का पैकेट हो. मगर ये मज़ाक का समय नहीं है.”

रेस्टॉरेन्ट के क्लॉक-रूम का कर्मचारी दूसरे, सफ़ाई कर्मचारियों जैसा लग रहा है. शायद, उसे हिदायत दी गई थी कि शोक-सभा होने वाली है.

हॉल के काँच के दरवाज़े के सामने रुकते हैं.

 “साथ में अन्दर जाएँगे. लोगों को देखने दीजिए, कि आप अकेले नहीं हैं."

 भीतर आए. U – आकार की मेज़. बोतलें, खाने पीने की चीज़ें. कुर्सियाँ बाहर को खींची हुई. फ़ायरप्लेस में आग जल रही है. सब लोग दीवारों के साथ खड़े हैं, अपनी ख़ामोश हरकतों को छोड़कर नीनेल पिरागोवा और कपितोनव की ओर मुड़कर देखते हैं.

कपितोनव और नीनेल पिरागोवा ठहरते हैं, क्योंकि अन्दर जाते ही कुछ देर ज़रूर ठहरना पड़ता है. उन्हें औरों से कोई मतलब नहीं है. और दूसरे भी, नीनेल पिरागोवा और कपितोनव की ओर नज़र डालकर अपने-अपने ख़ामोश कामों में जुट गए, असल में, ये एक ही काम था: अवश्यंभावी का इंतज़ार.

अब कुछ लोग, जैसे कि होना चाहिए, पहले भी होता था, दो-दो या तीन-तीन के समूहों में अलसाई हुई बातचीत शुरू करते हैं. बाकी लोग अकेले-अकेले खड़े हैं. माइक्रोमैजिशियन झ्दानोव, हॉल में टहलते हुए माचिस की तीलियों वाला जादू दिखाता है (‘तालाब’ ज़रूर प्रशंसा करता). महाशय नेक्रोमैन्सर पीठ के पीछे हाथ बांधे बोत्तिचेल्ली33-शैली में बनाया गया बड़ा पैनल देख रहा है.

 

ईवेन्ट्स-आर्किटेक्ट – तिरछे-तिरछे - चुपचाप नए प्रविष्ट हुए लोगों के पास पहुँचता है. नज़रों से ही नीनेल से गवाह बनने की प्रार्थना करता है, कपितोनव से ज़ोर से फुसफुसाते हुए पूछता है:

 “मैं चाहता हूँ, कि आप ये जान लें. नेक्रोमैन्सर ने सबके सामने मुझ पर आरोप लगाया है, और मैं चाहता हूँ कि आप मुझे समझें और मुझ पर दोषारोपण न करें. सैद्धांतिक रूप से, मैं निकटवर्ती स्थानों पे काम नहीं करता हूँ. आप मैथेमेटिशियन हैं, आपको शायद आईन्स्टीन का समीकरण याद होगी – e=mc2  नहीं, बल्कि दूसरी – कॉस्मोलॉजिकल स्थिरांक वाली. उसमें उसका रिक्की टेन्सर (गणित से संबंधित – अनु.) से गुणा किया जाता है, आप जानते हैं. बेहद छोटी संख्या, क़रीब-क़रीब – शून्य, मगर अधिक दूरियों पर ऐसे ऐसे परिणाम देती है!...मगर, सिर्फ बेहद-बेहद ज़्यादा दूरियों पर ही! कम दूरियों पर बिल्कुल नहीं!...मुझ से पूरी-पूरी समानता है. मैं किसी काली ऊर्जा के समान हूँ, समझ रहे हैं? मैं माक्रोइफ़ेक्ट दे सकता हूँ. ..वो भी बेहद दूरी वाला...सेंट्रल अफ़्रीका में हो रही घटनाओं पर प्रभाव डाल सकता हूँ...और न केवल डाल सकता हूँ – बल्कि प्रभाव डालता हूँ!...और ख़तरनाक प्रभाव डालता हूँ – अमेरिका में हो रहे चुनावों पर, मगर ‘तालाब’ पर मैं, सिद्धांततः, प्रभाव डालने के क़ाबिल नहीं था, अगर चाहता, तो भी नहीं – वह – क़रीब था, वह यहाँ था. और जितना ज़्यादा दूर कोई चीज़ होती है, मेरा प्रभाव उतना ही गहरा होता है...”

नीनेल ने उतनी ही ज़ोर से फुसफुसाते हुए तर्क रखा:

 “आपकी बात समझ ली गई है. अब चुप हो जाइए.”

कुछ देर चुप रहकर ईवेन्ट्स-आर्किटेक्ट अपनी बात जारी रखता है:

 “और ये मुझसे हमेशा खार क्यों खाता है? उसे तो अच्छी तरह मालूम है कि मैं सिर्फ दूर से ही काम करता हूँ...वह सिर्फ मेरे आयाम से जलता है...वह ख़ुद भी, मेरे ही जैसा, सिर्फ काफ़ी दूरी से...क्या आप समझते हैं कि वह सीधे यहीं कर सकता है...बिना अपनी जगह से हिले?...क्यों नहीं! ये सिर्फ दिखावा है!...मुझे तो उसकी सीमाएँ और योग्यताएँ मालूम हैं, मुझे बताने की ज़रूरत नहीं है...ये ग्रबावोय ने उसे बिगाड़ा है...ग्रबावोय याद है? वही सिस्टम, वही तरीक़ा...जैसे आप मॉस्को में कोई अफ़सर हैं और आप मर गए हैं, और आपको कहीं फ़िलीपीन्स में प्रमाणित किया जाता है – एक स्थानीय बेघर के रूप में...आपको कभी भी याद नहीं आएगा, कि आप मॉस्को में अफ़सर थे...

 “प्लीज़, फ़ौरन बन्द कीजिए,” नीनेल फ़ुफ़कारती है. “कपितोनव आपकी बातें नहीं सुन रहा है.”

 “हाँ, हाँ, आप यहाँ पुरानी दुर्लभ वस्तुओं का व्यापार करते थे, मगर अब कहीं बांग्लादेश में कछुए मारते हैं... और, याद रखिए, उसकी हैसियत हमेशा कम रहती है. मैं समझता हूँ, कि हर कोई जीना चाहता है. मगर मैं इस तरह नहीं करता. मैं उद्देश्यपूर्वक, पूरी एकाग्रता से करता हूँ. ब्राज़ील में ग्यारह लोग जेल से भाग गए...क्या इसके लिए आप मुझ पर मुकदमा चलाएँगे? मगर, मेरे अपने सिद्धांत, अपनी मान्यताएँ हैं... इंसाफ़ के बारे में अपनी कल्पनाएँ हैं...”

नीनेल एक-एक शब्द को तौलते हुए कहती है:

 “निकल जाइए. पीछे मुड़ – एक क़दम आगे – मार्च.”

वह चला जाता है, मगर फ़ौरन वापस लौट आता है.

 “मैं, बेशक, अद्वितीय हूँ, कोई भी ऐसा नहीं कर सकता, जैसे मैं करता हूँ, मगर क्या मुझे प्रोफ़ेशनल कहना उचित होगा? अपने काम का मैंने किसी से भी एक कोपेक तक नहीं लिया. मैं यहाँ किसलिए हूँ? आपके बीच मैं पराया हूँ. मगर, यदि मैं न होता, तो दुनिया में सब कुछ किसी और ही तरह से होता.”

मुड़ता है और हॉल के दूसरे सिरे पर जाता है.

 “ ’तालाब’ का भाई यहाँ है,” नीनेल पिरागोवा कहती है, “और आप ये नहीं चाहते थे.”    

‘तालाब’ का भाई हाथ में कैप-थैली पकड़े हुए है.

हेरा फेरी–उठाईगीरी करने वाला किनीकिन ग़ौर से मेज़ की ओर देख रहा है.

फ्रेम में रखे ’तालाब’ के साथ दो माइक्रोमैजिशियन्स अन्दर आते हैं. फ़ोटो आज ही खींची गई थी. जब ‘तालाब’ भाषण दे रहा था. 

कालावन और ज्युपितेर्स्की लाने वालों के हाथों से पोर्ट्रेट लेते हैं और उसे फ़ायरप्लेस के ऊपर वाली शेल्फ़ में रखते हैं.

इस कदम को सबने सुलह का संकेत समझा.

इसी की राह देख रहे थे.

 “कृपया मेज़ पर आइये, महोदय, खड़े रहने में कोई तुक नहीं है,” अध्यक्ष कहता है.

सब बैठ जाते हैं.

“आपको वहाँ,” माइक्रोमैजिशियन बिल्देर्लिंग कपितोनव से कहता है. “वहाँ कार्यकारिणी के सदस्य हैं.”

 “वह कोष्ठकों के बाहर है,” उसका पड़ोसी, हेरा-फेरी वाला इवानेन्का बीच में टपकता है. “अगर ये सही नहीं है तो, माफ़ कीजिए,” वह कपितोनव से कहता है.

कहीं बैठ गए.

अध्यक्ष उठा.



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