देशभक्ति
देशभक्ति
बहुत गरीब था पर स्वाभिमानी भी बहुत था। उसकी नन्हीं आंखों ने देश के लिए कुछ करने का सपना देखा था पर यहां कितने गरीबों के सपने सच हो पाते हैं....
आंठवी कक्षा में पढता है सरकारी स्कूल में स्कूल जाने से पहले सुबह दो घंटे फूल की दुकान पर काम कर कुछ पैसे कमा लाता है जिससे उसे काफी मदद मिल जाती है वो और उसकी मां बस यही उसका परिवार है। मां घर घर जाकर बर्तन,कपड़े धोने का काम करती थी पर दुर्घटना के कारण पिछले एक साल से घर पर ही है । ग़रीबी बच्चों को जल्द ही समझदार और जिम्मेदार भी बना देती है।
मां की हालत देखकर उसे अपनी जिम्मेदारी का एहसास हो गया और उसने कुछ समय फूल की दुकान पर काम पकड़ लिया। एक दिन सुबह दुकान पर बडी भीड़ थी पंद्रह अगस्त आने वाला था। दुकान पर छोटे छोटे तिरंगे भी रखे थे लोग उन्हें खरीद कर अपनी गाड़ी पर लगा लेते। एक बाईक पर कुछ युवक आये कुछ फूल लेकर वो जाने लगे तो उनमें से एक युवक ने तिरंगा भी लिया और बाइक पर लगा लिया वो फ़ुर्र से बाईक पर रवाना हो गये। उस बच्चे ने देखा कि वो तिरंगा जो उन्होंने अपनी बाइक पर लगाया था नीचे गिर गया उनमें से एक युवक ने देखकर भी अनदेखा कर दिया और गाड़ी रोकने के लिए भी अपने दोस्त को नहीं कहा। वो बच्चा दौड़ कर गया और उसने वो तिरंगा उठा लिया और बाईक के पीछे दौड़ा , आगे रेड लाईट थी सभी गाडियां रुकी हुई थीं । भागने के कारण वो बहुत हांफ रहा था पर उसकी नज़र उन युवकों को खोज़ रही थी जल्दी वो कामयाब हो गया उन्हें ढूंढने में, वाहनों के बीच से निकलते हुए वो उन तक पहुंचने में कामयाब रहा और बोला,"भैया ये आपका झंडा वहां गिर गया था शायद हवा से गिर गया होगा । "
पीछे बैठा युवक तुरंत बोला ,"अरे तो क्या हुआ तुम इतनी दूर ये छोटा सा झंडा देने आये हो । " उस बच्चे ने तुरंत जेब से पांच रुपए निकाल कर उस युवक के हाथ पर रखे और अपनी कमीज़ पर उस तिरंगे को लगा लिया। आसपास जो गाड़ियों में बैठे थे उन्होंने तालियाँ बजाई।