डेटा एनालिसिस
डेटा एनालिसिस
कॉन्फ्रेंस रूम में आज बेहद सिरियस डिस्कशन चल रहा था.....
सामने दीवार पर लगे एक बड़े से टीवी में प्रेजेंटर डेटा दिखा रहा था कभी बार ग्राफ तो कभी पाय चार्ट में...
प्रेजेंटेशन देते हुए वह अंग्रेज़ी में कुछ कुछ बोल रहा था...
मिड डे मील...
अटेंडेंस रेकार्ड्स....
तो कभी ड्रॉप आउट.....
सारे ब्यूरोक्रेट्स परेशान लग रहे थे....
क्योंकि डेटा मैच नहीं हो पा रहा था....
मिड डे मील का बार ग्राफ ज्यादा लंबा दिखाई दे रहा था...
और अटेंडेंस का भी...
लेकिन ड्रॉप आउट का बार ग्राफ वाला डेटा कुछ ज्यादा ही लंबाई में दिख रहा था...
तभी चाय और साथ मे भुने हुए काजू आये....
लेटस हँव अ ब्रेक कहते हुए प्रेजेंटर ने चाय का कप थाम लिया...
किसी ने कहा, "थोड़े काजू भी लीजिये सर, बहुत देर से आप डेटा एनालिसिस कर रहे है..."
सब लोग हल्के से मुस्कुराते हुए चाय पीने लगे....
कुछ देर पहले वाला बोझिल माहौल थोड़ा लाइट हुआ...
लेटस कम टु बिज़नेस कहते हुए फिर से डिस्कशन और डेटा एनालिसिस स्टार्ट हुआ...
इस बार ब्लॉक्स, क्लस्टर लेवल वाला डेटा डिटेल्ड में एनालिसिस होने लगा....
प्रेजेंटर झट झट मैप पर स्टेट, डिस्ट्रिक्ट, ब्लॉक और फिर क्लस्टर लेवल का डेटा दिखाने लगा....
ढेर सारे रंग बिरंगी डॉट्स....
कुछ कुछ डॉट्स एक दूसरे से मिलते हुए एक और नये डेटा को दिखाने लगे....
किसी ने कहा, "वॉव, ब्रिलियंट....लुक ऐट धिस एरिया...जस्ट ज़ूम..."
दूसरा ब्यूरोक्रेट टॉय की नॉट को ठीक करते हुए कहने लगा, "धिस इज द स्कूल व्हिच हैज मैक्सिमम ड्रॉप आउट्स स्टूडेंट्स...धिस इज रीजनल लैंग्वेज स्कूल...नाउ अ डेज नो न्यू एडमिशन आर टेकिंग प्लेस ... टीचर्स डु नॉट हैव मच वर्क हिअर...."
तीसरे ब्यूरोक्रेट ने जानकारी दी, "अभी सेंसेक्स का काम नही है और इलेक्शन भी अब पाँच साल बाद ही होगा..."
प्रेजेंटर ने झट से कैलकुलेट कर बताया,"ओ माय गॉड!!! वी आर वेस्टिंग ट्वेंटी लैक्स पर मंथ टैक्स पेयर्स मनी ऑन देम!!!"
चौथे ब्यूरोक्रेट ने पैनिक होते हुए कहने लगा, "थिस इस नॉट फेयर....वी मस्ट रिपोर्ट टू द गवर्नमेंट....."
ग्रे कलर सूट पहने उस ब्यूरोक्रेट ने कहा," आय हैव प्रिपेयर्ड अ ड्राफ्ट रिपोर्ट...."
प्रेजेंटर ने कहा, "कैन यु रीड इट फ़ॉर अस प्लीज?
व्हाई नॉट कहते हुए वह अपनी भारी सी आवाज़ में पढ़ने लगे, "अ स्कूल फ्रॉम नरसिंगपुर एरिया हैज लेस नंबर ऑफ स्टूडेंट्स एडमिशन धिस ईयर अँड आफ्टर डेटा एनालिसिस डन फ्रॉम लास्ट फाइव इयर्स, अटेंडेंस इज डिक्रिज़िंग... सो इट इज रेकमंडेड टू क्लोज द स्कूल....."
सारे ब्यूरोक्रेट्स एग्री हो गए....
किसी ने कहा, "लेटस स्टॉप हेअर... प्लीज क्लोज़ द प्रेजेंटेशन नाउ..."
प्रेजेंटेशन क्लोज़ हो गया....
और एक स्कूल बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो गयी....
अब स्कूल में न तो मिड डे मिल की मारामारी होगी....और न ही अटेंडेंस की चीक चीक भी....
टीचर्स भी खुश.....
एक मुश्त रकम तो मिलेगी ही....
रोज रोज की घर घर पोलियो ड्रॉप और इलेक्शन के काम से छुट्टी भी.....
उस एरिया को एक नया मॉल मिलेगा... एम्प्लायमेंट भी तो जनरेट होगा.....
सबका अपना अपना वर्शन था...
लेकिन डेटा एनालिसिस में उस सफ़ाई कर्मचारी के बच्चे का क्या जो कभी उन साफ़ सुथरी किताबों में ढूँढता रहता था अपने पिता का ज़िक्र?
और नाई की बच्ची का क्या जो ढूँढती रही ज़िक्र उन किताबों में कैंची चलाते अपने पिता का?
उस मिस्त्री के बच्चे का क्या जो ढूँढता रहा ज़िक्र किसी मिस्त्री का उन महलों मीनारों की बातें बताती उन रंगबिरंगी किताबों में?
कैसे कोई बतायें इनको की यह दुनिया सिर्फ़ इंजीनियर, डॉक्टर, तहसीलदार, मास्टर और ब्यूरोक्रेट्स की है... किसी घसियारे, मिस्त्री, या मज़दूर की नहीं है...
ये क्या जाने की मजदूरों और ग़रीबों का किताबों में ज़िक़्र तो न जाने कब से बंद है..
कभी हुआ करता था ज़िक्र उन पुरानी किताबों में लेनिन या मार्क्स का....
और टीचर्स पढ़ाते थे कभी आज़ादी और कम्युनिज़्म की बातें भी...
अब टंटा ही ख़त्म हो गया...एक और स्कूल बंद होने की कगार पर आ गया...