Sarita Kumar

Others

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Sarita Kumar

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डायरी का आखिरी पन्ना

डायरी का आखिरी पन्ना

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हो सकता है यह मेरे डायरी का आखिरी पन्ना हो। मेरी तबीयत बिगड़ती जा रही है। आवाज बंद हो चुकी है और टाइपिंग में भी तकलीफ़ हो रही है। अपने शरीर के हर कोने कोने से सारी शक्ति बटोर कर एक संदेश लिखना चाहती हूं। अपने पति, बच्चे, परिजनों, रिश्तेदारों और अपने मित्रों के लिए। जानती हूं सभी लोगों का मेरे प्रति स्नेह, ममता, प्यार, अपनापन, सम्मान और अनुराग। यूं तो मेरी जिंदगी बहुत कठिन रही है लेकिन अपने आत्मबल, दृढ़ निश्चय और आत्मविश्वास के बल पर हर चुनौतियों को स्वीकार किया, सामना किया और जीत हासिल की है। अपने सकारात्मक सोच और अतीत की मजबूत बुनियाद के सहारे मैंने अपने वर्तमान को संवारा और सुखद भविष्य की कल्पना की और खुद की इच्छा शक्ति को मजबूत बनाया। यही कारण है कि मेरा जीवन सफल रहा। परिस्थितियां अक्सर प्रतिकूल रही लेकिन मैंने घुटने टेकने के बजाय प्रतिरोध किया और दृढ़ संकल्प से अपने अनुकूल बनाया। इसमें कोई शक नहीं कि बहुत संघर्ष करना पड़ा मुझे लेकिन जीत मेरी ही हुई। मैं एक विदुषी महिला की बेटी थी समस्याओं से लड़ना सीखा था हार मानना नहीं। हां एक बात पर विशेष ध्यान रहा जो कि हर महिला को रखनी चाहिए अपने चरित्र को मजबूती से थामें रखा। यह भी मां की ही देन है बचपन के दिनों में ही मां ने बताया था कि - "कैरेक्टर इज क्राउन आफ इंडियन वूमन " बस इस क्राउन को संभालें रखी उम्र भर। पचपन पार हो कर भी कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता है मेरे चरित्र पर। 

आज अगर मौत आ भी जाएं तो कोई गम नहीं होगा। मैं बहुत संतुष्ट हूं, तृप्त हूं, सुखी और सम्पन्न हूं। मेरे चारों बच्चें समृद्ध हैं सिर्फ धन दौलत से ही नहीं विचार, व्यवहार और संस्कारों से। बहुत निश्चिंत हूं, मेरी जिंदगी सफल रही मैंने अपनी संतान को सही शिक्षा, दीक्षा, परवरिश और संस्कार दिए। परिवार वालों को क्या दिया यह कहने की जरूरत बिल्कुल नहीं है जो कुछ मुझे परिवार वालों से मिल रहा है यही सबूत और प्रमाण है कि मैंने उन सभी को क्या दिया होगा और कैसा व्यवहार रखा होगा। जहां कहीं भी जाती हूं मेरे लिए कार्पेट बिछा हुआ मिलता है। हर सुख-सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। सिर्फ अपनी संतान ही नहीं जेठ, ननद, भाई और बहन के बच्चे भी तत्पर रहते हैं। चार घंटे भी ऑफलाइन हो जाऊं तो दस फोन आते हैं। मैंने खाना खाया, चाय पी इतनी छोटी छोटी बातों के लिए दस बीस लोग फिक्रमंद हैं।

अंत में यही कहना चाहूंगी सभी अपनों से कि मेरे लिए उदास नहीं हों। मैं बेहतरीन जिंदगी बसर करके जा रही हूं। ऐसी एक भी इच्छा नहीं है जो मन में उत्पन्न हुई हो और वह पूरी नहीं हुई हो ...! मैं दुनिया की सबसे खुशनसीब औरत हूं जिसकी हर ख्वाहिश, हर तमन्ना, हर इच्छा पूरी की गई है। इच्छाओं की बात करूं तो मेरे पति दुनिया के सबसे अनोखे इंसान होंगे जिन्होंने मेरी कुछ मूर्खता पूर्ण मांग और बेतुकी इच्छाओं को भी पूरा किया है।

पहले तो मेरी यह नैतिक और धार्मिक मजबूरी थी कि इन्हें ही सात जन्मो तक अपने साथ बांध कर रखूं लेकिन कल जो हमारे बीच बातें हुई .... हालांकि मेरी हालत बेहोशी जैसी थी ना कुछ बोल पा रही थी ना ठीक से सुन‌ पा रही थी। हाथों में भी इतनी ताकत नहीं बची थी कि कुछ इशारा कर पाऊं। लेकिन समझ पा रही थी अपने पति का प्रेम, अनुराग, आसक्ति और दीवानापन ..... शब्द नहीं है उन लम्हों की व्याख्या करने को जो कुछ मैंने महसूस किया ..... दुनिया में मेरे जैसी खुशनसीब कोई पत्नी नहीं हो सकती हरगिज नहीं हो सकती मैं ब्रह्मांड में एकलौती पत्नी हूं जिसके चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए उसका पति अपने मन पर आघात पहुंचाता है .... बस एक मुस्कान के लिए। डॉ के पास कोई इलाज बाकी नहीं है दवाइयां बेअसर हो गई है। जतन खूब किए जा रहे हैं आर्थिक हैसियत से बढ़कर खर्च किया जा रहा है। बेटा पीएफ का पैसा निकाल रहा है दो साल की नौकरी में। अपना आरडी अकाउंट बंद करके मां के सुविधा का सामान खरीदा जा रहा है। बेटी दामाद अपने बच्ची के हक में रखा गया पैसे निकालने की बात कर रही है। घर की सबसे खास सदस्य हमारी खोटा सिक्का भी ओवर टाइम ड्यूटी करने लगी है। होली बहुत अच्छी मनाई गई थी अब दीवाली मनाने की तैयारी है लेकिन घर की पहली संतान नहीं शामिल हो सकती क्योंकि वो अपने घर की लक्ष्मी है तो उसे अपने घर पर अपने परिवार के साथ रहना होगा।

इस बात पर भी बहुत खुश हूं उसे अपने कर्तव्य का पालन करना आता है। मैं हर तरफ से निश्चिंत हो गई हूं। मेरे पति को भी लोगों की तारीफ करना आ गया है। बच्चों को सराहना प्रोत्साहित करना और प्रेरित करने में सफल हो गए हैं। सब कुछ बहुत व्यवस्थित और सुनियोजित है।

जिंदगी बहुत खूबसूरत है 

Life is awesome and so beautiful


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