पतझड़ की बात हो और बसंत की बात ना हो तो बात अधूरी लगती है । पतझड़ की बात हो और बसंत की बात ना हो तो बात अधूरी लगती है ।
ऐसा क्यों बोला पर दो इंसान बहुत अच्छे से समझ रहे थे कि नैतिक ने ऐसा क्यों बोला। ऐसा क्यों बोला पर दो इंसान बहुत अच्छे से समझ रहे थे कि नैतिक ने ऐसा क्यों बोला।
ये पल कभी न ठहरे हैं लाल गुलाबी चमक कभी कभी ये सलेटी पन्ने हैं। ये पल कभी न ठहरे हैं लाल गुलाबी चमक कभी कभी ये सलेटी पन्ने हैं।