Bhagirath Parihar

Inspirational

4.5  

Bhagirath Parihar

Inspirational

छोटा कदम

छोटा कदम

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स्वतंत्रता दिवस समारोह में जिलाधीश ने आज कक्षा आठ में पढ़ने वाली दिव्या जैन को सम्मानित किया. बधाइयों का तांता लग गया। सहेलियां कहने लगी, हमें दिखाओ अपना सम्मान पत्र। वह सम्मान पत्र दिखाने लगी, ऊपर एक तरफ उसका फोटो था, नीचे जिलाधीश के हस्ताक्षर थे। सम्मान पाने वाली सबसे छोटी लडकी वही थी। खुशियां समेटे नहीं सिमट रही थी। जब उसे सम्मानित किया जा रहा था, तब जिलाधीश ने उसके माता"पिता को भी मंच पर बुलवाया और सबके सामने कहा, ‘धन्य हैं ये माँ"बाप जिन्होंने इस बच्ची का हौसला बढ़ाया और इसकी मदद की। दिव्या जैन को सम्मान देते हुए मैं अपने आप को गौरवान्वित अनुभव कर रहा हूँ।”

अखबार ने भी यह खबर प्रमुखता से छापी। सम्मान ग्रहण करते उसका फोटो था। दिव्या का इन्टरव्यू भी अखबार में छपा था।

"अच्छा दिव्या यह बताओ कि यह कार्य करने की प्रेरणा कहाँ से मिली?"

"मेरे पिता से, वे पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने की बात अक्सर मुझ से किया करते थे। मैंने एक दिन पिताजी से पूछा, मैं इस दिशा में क्या कर सती हूँ? पिताजी ने बताया कि पर्यावरण के बारे में जानकारी प्राप्त करो और सोचो कि तुम क्या कर सकती हो। बस फिर मैंने सोच लिया कि मुझे क्या करना है?"   

  "क्या करने की सोची? "                                      

 "मैंने प्लास्टिक की थैलियों के बहिष्कार का आन्दोलन चलाने की ठान ली।"

"आरम्भ कहाँ से किया?"

" पहले तो स्कूल में प्लास्टिक की थैलियों का बहिष्कार किया गया। इसमें अध्यापकों का भी सहयोग था। प्रार्थना सभा में एक दिन मैंने इन थैलियों से होने वाले नुकसान के बारे में बताया। उनसे अपील की, कि जो मेरा साथ देना चाहें मेरे साथ आ सकते है। हमने पांच लोगों की टीम बना ली। "                                      

"फिर क्या किया?"                                                

"दूसरे दिन से हम लोगों के घर"घर जाकर उनसे प्लास्टिक की थैलियाँ उपयोग न करने का आग्रह करते।"                                     

" गलियों की नालियां बंद हो जाती है, झूठे और सड़े पदार्थ प्लास्टिक में फेंक देते है उसके लिये क्या किया?"

"हम नालियां साफ करने लगे। लेकिन यह काम बड़ा था। सो हमने नगरपालिका और एस.डी.ओ. को ज्ञापन दिया कि गाय प्लास्टिक में फेंका खाना खाकर बीमार हो जाती है और फिर मर जाती है, ये थैलियाँ हमारी मिट्टी को खराब करती है और शहर में गन्दगी फैलाती है आप कार्यवाही करें।

"एस डी ओ ने कार्यवाही की?"

" हाँ, बिल्कुल की। व्यापारियों को पाबंद किया कि वे कैरी बैग का इस्तेमाल न करें। इसकी जगह कागज या सेल्यूलोज की थैलियाँ उपयोग में लाएं।"

"हमने पुराने कपडे माँग"माँग कर इक्कट्ठे किये और थैलियां सिलकर लोगो में वितरित की। रोज नई गली में जाना और अपना सन्देश फैलाना। धीरे"धीरे दूसरे स्कूल के बच्चे भी इस अभियान में शामिल होने लगे। एक साल में यह आन्दोलन उठ खड़ा हुआ और इसे जबरदस्त जनसमर्थन मिला।"

" आपके इस आन्दोलन ने आपको इस शहर की सेलेब्रिटी बना दिया। धन्यवाद।"        

"ऐसी कोई बात नहीं आज विश्व में पर्यावरण बचाने का एजेंडा प्रमुखता प्राप्त कर रहा है। धन्यवाद आपको भी।"

 


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