astha singhal

Tragedy Others

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छेड़छाड़ - जवाब देना होगा

छेड़छाड़ - जवाब देना होगा

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युविका और अपर्णा दोनों बचपन की सहेलियां थीं। एक साथ स्कूल गई और एक साथ ही कॉलेज भी जाती थीं। दोनों की घनिष्ठ मित्रता थी। 


एक दिन दोनों कॉलेज से वापस आ रहीं थीं। मैट्रो से उतर घर आने का एक शॉर्ट कट रास्ता था। दोनों रोज़ उसी रास्ते से घर आती थीं। उस रास्ते पर कम लोग ही आते जाते थे। क्योंकि पक्की सड़क नहीं बनी हुई थी। पर क्योंकि वह दोनों शाम ढलने से पहले ही पहुंच जाती थीं इसलिए उस रास्ते का इस्तेमाल कर लेती थीं। यदि उन्हें थोड़ी ज़्यादा देर हो जाती तो वह उस रास्ते से नहीं जाती थीं।


उस दिन भी दोनों रोज़ की तरह ही उस रास्ते से घर आ रहीं थीं। तभी अचानक एक बाइक सवार उनके पास आकर रुक गया। युविका उसे देख चौंक गयी और पसीने से तर बतर हो गई।


"कौन हो तुम? रास्ते से हटो हमारे।" अपर्णा ने गुस्से से कहा।


"आप हटिए मैडम, और हमें हमारी वाली से बात करने दीजिए।" उस लड़के ने बदतमीजी से कहा। 


"हमारी वाली? ये क्या हैं युवी?" अपर्णा ने हैरान होकर पूछा।


"अप्पू, ये लड़का पिछले एक हफ्ते से हमारा पीछा कर रहा है। कॉलेज में, कैंटीन में, ऑडिटोरियम में, मैट्रो में, हर जगह।" युविका ने डरते हुए कहा।


"तूने मुझे पहले क्यों नहीं बताया?" अपर्णा बोली।


"तू अपने प्रोजेक्ट में बिजी थी इसलिए नहीं बताया।" युविका बोली।


इतने में वह लड़का उन दोनों के और करीब आ गया। युविका ने डरते हुए अपर्णा का हाथ कस कर पकड़ लिया। 


"पीछे हो जाओ वरना…" अपर्णा बोली।


"देखिए अपर्णा जी मुझे आप में कोई इंटरेस्ट नहीं है। मुझे सिर्फ युविका से बात करनी है आप प्लीज़ घर चले जाइए।" उस लड़के ने व्यंग्यात्मक लहज़े में कहा।


"मैं अकेले नहीं जाऊंगी। युविका को साथ लेकर जाऊंगी। बीच में आए तो…" अपर्णा ने अपना हाथ उठाते हुए कहा।


तभी अचानक किसी ने पीछे से आकर उसका हाथ पकड़ लिया। अपर्णा ने हाथ छुड़ाने की बहुत कोशिश की पर नाकाम रही। युविका ये सब देख थर-थर कांपने लगी। 


"मिस अपर्णा, फ्लैट नंबर 45, हाउजिंग सोसायटी, यही पता है ना तुम्हारा।" पीछे से अपर्णा का हाथ पकड़ने वाले लड़के ने कहा।


"तुम मेरा नाम और घर का पता कैसे जानते हो।" अपर्णा ने चिल्ला कर हाथ छुड़ाने की कोशिश करते हुए कहा। 


"मैं तो आपके बारे में बहुत कुछ जानता हूं। दो दिन दे रहा हूं। फेसबुक पर मेरा रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर लेना, और हां भाभीजी आप मेरे दोस्त का कर लेना। " उस लड़के ने अपर्णा का हाथ छोड़ युविका की तरफ देखते हुए कहा। फिर दोनों बाइक पर बैठे और वहां से चले गये।


इस हादसे ने युविका और अपर्णा को हिला कर रख दिया। दोनों ने तय किया कि वो अभी अपने घर कुछ नहीं बताएंगी।


रात दस बजे युविका का फोन बजा। उसने डरते हुए देखा तो फोन पर अपर्णा थी। 


"हैलो…हां बोल।" युविका ने फुसफुसाते हुए कहा। 


"इन लड़कों ने तो सच में फ्रैंड रिक्वेस्ट भेज रखी है। क्या करें अब? बता दें घर पर।" अपर्णा बोली।


"नहीं बहन, मेरे पापा मेरा जीना मुश्किल कर देंगे। प्लीज़ यार। वो तेरे पापा की तरह अंडरस्टैंडिंग नहीं हैं।" युविका ने रोते हुए कहा। 


"इसका कुछ तो तोड़ निकालना पड़ेगा। कल हम कॉलेज से छुट्टी ले लेते हैं और कुछ सोचते हैं।" अपर्णा ने यह कह फोन रखा। 


अपर्णा और युविका के माता पिता ने देखा कि दोनों लड़कियां दो दिन से कॉलेज नहीं गई हैं। तो उन्हें अजीब लगा। 


इधर अपर्णा और युविका को उन दो लड़कों ने फोन करके परेशान कर दिया था।


"यार! कितने नम्बर हैं इनके पास? हर बार किसी दूसरे नंबर से फोन आ जाता है। क्या करें?" युविका ने रोते हुए कहा। 


अपर्णा उसे चुप करा ही रही थी कि उनके माता पिता कमरे में आ गये। ज़ोर देने पर उन्हें बताना पड़ा कि उन दोनों के साथ क्या हो रहा है। 


"कल तुम दोनों कॉलेज जाओगी और उसी रास्ते से वापस आओगी। मैं भी देखता हूं किसमें इतनी हिम्मत है।" अपर्णा के पिता ने कहा।


अगले दिन दोनों जब उस रास्ते से वापस आ रहीं थीं तब वह लड़के उनके सामने फिर आ गए। 


"हमारा रिक्वेस्ट एक्सेप्ट क्यों नहीं किया?" एक ने कहा। 


"नहीं करना था इसलिए नहीं किया। कोई ज़ोर ज़बरदस्ती है क्या?" अपर्णा ने कहा।


"ज़ोर ज़बरदस्ती तो अब करेंगे हम।" दूसरे लड़के ने बाइक से उतरा युविका का हाथ पकड़ते हुए कहा। 


तभी उसके चेहरे पर एक करारा थप्पड़ पड़ा। उसने मुंह उठा कर देखा तो उसकी बहन सामने खड़ी थी। तभी पहले लड़के की मां ने आकर उसको थप्पड़ मारा। 


"ये सब हरकतें करते हो तुम पढ़ाई के नाम पर? इसलिए भेजा था तुमको मैंने कॉलेज?" पहले लड़के की मां ने एक के बाद एक थप्पड़ मारते हुए कहा। 


"भैया, आप एक लड़की के साथ ज़ोर ज़बरदस्ती कर रहे हो? भूल गए क्या, कि घर पर आपकी भी एक बहन है, यदि मेरे साथ कोई ऐसा करे तो। छि….घिन्न् आती है आप मेरे भाई हो।" दूसरे लड़के की बहन ने कहा। 


दोनों लड़के अपनी मां और बहन से गिड़गिड़ाते हुए माफी मांगने लगे। तभी अपर्णा और युविका के पिता वहां आए और युविका के पिता बोले," चाहते तो तुम्हारी हरकत के लिए तुम्हें जेल भिजवा सकते थे। पर उससे तुम दोनों सुधरते नहीं। इसलिए तुम्हें सबक सिखाने के लिए और यह एहसास दिलाने के लिए कि शायद तुम भूल रहे हो कि तुम्हारी भी मां हैं, बहन है। उन्हें कैसा लगेगा जब तुम्हें ऐसी छिछोरी हरकत करते देखेंगे।" 


"अंकल हमें माफ कर दीजिए। सॉरी, आगे से कभी ऐसी हरकत नहीं होगी।" उन दोनों ने शर्मिंदा होते हुए कहा। 


साथ ही दोनों ने अपर्णा और युविका से भी माफी मांगी। 


हमारे समाज में छेड़छाड़ एक बहुत बड़ी समस्या बन गई है। इसे रोकना ही नहीं बल्कि जड़ से उखाड़ फेंकना भी बहुत ज़रूरी है। 



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