बुध्दिमता
बुध्दिमता
पढ़ाई केवल नाम की है, हाँ पर पढ़े-लिखे होने से हम कुछ बातों को समझना आसान हो जाता है। ज्यादा पढ़ाई दिमाग को खोखला करती है, कम पढ़ाई वाणी खराब कर देती है। जिस घर में एक सदस्य ही पढ़ा-लिखा हो तो पूरा घर बदल सकता है। पढ़े-लिखो की बातें लोग कम सुनते हैं क्योंकि समझदारी की बातें हर कोई सुनना पसन्द नहीं करता। कहते हैं कि आदमी व औरत की सोच अलग -अलग होती है। आदमी बाहरी दुनिया को ढाल कर चलता है औरत घर को ढाल कर चलती है। किताबी ज्ञान से किताबी बातें समझ सकते हैं बाहरी बातें किताबों से प्राप्त नहीं होती हम अगर मुश्किल में हो तो हमारा ज्ञान हमे गिरने नहीं देगा, जिंदगी को अगर आसान बनाना चाहते हो तो आज से ही ज्ञान लेना शुरु कर लो। ज्ञानी व्यक्ति की हम तारीफ कर दे तो वह ज्ञान दोबारा बाटेगा, लेकिन जब तक हम खुद की तारीफ न सुन ले तो दूसरों की नहीं कर सकते।