भूख
भूख


यह कहानी "गधे को बाप बनाने" कहावत को ध्यान में रखकर लिखी गई है
कितने अरमानों के बाद ये रात आई है चांद सितारों ने हमारी ये सेज सजाई है
नशीले बदन ने दिल में हलचल मचाई है
दोनों के बीच में क्यों ये परदा हरजाई है
सुहागरात पर डिम्पल का घूंघट उठाने को बेताब रवि ने जब ये मुक्तक सुनाया तो डिम्पल शरमा गई और उसने अपना चेहरा अपने दोनों हाथों में छिपा लिया । रवि के दिल की धड़कन और बढने लगी । उसने जबरन डिम्पल के दोनों हाथ उसके चेहरे से हटाये तो डिम्पल का गोरा मुखड़ा झीने घूंघट से चमकते चांद की तरह दिखाई दिया । डिम्पल पूनम के चाद की तरह खूबसूरत थी । उसे देखकर रवि धन्य हो गया था । उसे लगा कि उसकी साधना आज सफल हो गई है । उसने धीरे धीरे डिम्पल का घूंघट उठा दिया । डिम्पल ने शरमा कर चेहरा अपने घुटनों में छिपा लिया ।
आधी रात इसी छीना झपटी में गुजर गई थी । रवि की बेचैनी बढती जा रही थी लेकिन डिम्पल उसे हाथ रखने ही नहीं दे रही थी । आखिर रवि को कहना पड़ा "ऐसे क्यों तरसाती हो डिम्पल डार्लिंग । आधी रात बीत चुकी है । अगर ऐसे ही रहा तो ये 'सुहागरात' कहीं वियोग रात ना बन जाये ? उसने एक गहरी सांस ली ।
"इतनी जल्दी भी क्या है सजन ? अब तो अपना जिंदगी भर का साथ है । पहली रात तो जान पहचान और हंसी मजाक में ही गुजारनी चाहिए । बाकी काम कल कर लेंगे" । डिम्पल एक गहरी मुस्कान बिखेर कर लाइट बंद कर सो गई । बेचारा रवि अपना सिर दीवार से फोड़कर रह गया ।
दूसरे दिन रवि ऑफिस चला गया । जब घर वापस आया तो देखा कि डिम्पल की छोटी बहन सिंपल घर आई हुई है
"अरे, तुम कब आईं सिंपल" ?
"दोपहर में ही आई हूं जीजू । लगता है हमें यहां देखकर आपको खुशी नहीं हुई" । सिंपल एक मादक अदा के साथ बोली
"अरे नहीं, बहुत खुशी हुई तुम्हें यहां देखकर । तुम्हारी दीदी कहीं दिखाई नहीं दे रही हैं । कहीं गयी हैं क्या" ?
"हां जीजू, आज उनके पेट में अचानक बहुत दर्द हो गया था इसलिए वे हमारे घर आ गईं और मुझे आपकी सेवा के लिए भेज दिया" ? सिंपल रवि पर गहरी मुस्कान उडेलते हुए बोली
"ये अचानक पेट में दर्द कैसे हो गया ? और बताकर भी नहीं गई तुम्हारी दीदी" रवि को थोड़ा आश्चर्य हुआ ।
"जीजू, लड़कियों के पेट में दर्द अचानक ही होता है । आपके घर में ना तो आपकी मम्मी है और ना ही आपकी कोई बहन है । इसलिए लड़कियों वाली बातें आपको पता नहीं है । लड़कियों के पेट में हर महीने दर्द उठता ही है । पर आप चिंता ना करें । मैं आपकी सेवा के लिए हूं ना । सब तरह की सेवा करूंगी" सिंपल की बातों में गहरा अर्थ छुपा हुआ था जिसे रवि समझ नहीं पाया था ।
"अच्छा अच्छा , ठीक है । अभी तो एक कप चाय पिला दो । तब तक मैं कपड़े बदल लेता हूं" रवि कपड़े बदलने के लिए अपने बैडरूम में चला गया ।
उसने पैंट और शर्ट उतार दिये थे और कुर्ता पाजामा पहनने ही वाला था कि कमरे में सिंपल दनदनाती हुई आ गई । उसे देखकर रवि एकदम से असहज हो गया और शरमा कर वहीं फर्श पर बैठ गया।
"हमसे शरमाने की जरूरत नहीं है जीजू, हम आपकी साली हैं । और आप तो जानते ही हैं कि साली आधी घरवाली होती है । आप हमें पूरी भी समझ सकते हैं" सिंपल ने बांयी आंख मार कर कहा था । इस पर रवि उखड़ गया और कहने लगा "पहले कमरे से बाहर जाइये साली साहिबा और जल्दी से चाय पिलाइये"
"जाते हैं जाते हैं । हम तो यह पूछने आये थे कि चाय में शक्कर कितनी डालें" ? सिंपल अपमानित होकर बोली
"जितनी डालनी हो डाल देना पर यहां से दफा हो जाओ" रवि गुस्से से बोला ।
रात को रवि जब अपने बैडरूम में कुछ काम कर रहा था तब सिंपल दूध का गिलास लेकर उसके पास आई । उसे अपने बैडरूम में देखकर रवि चौंक गया
"तुम और यहां ? और ये डिंपल की नाइटी क्यों पहनी है तुमने" ?
"आपने दी को अपनी सुहागरात के लिए दी थी ना , इसलिए दी ने बोला कि तुम इसे पहन कर जीजू के साथ सो जाना । इसलिए इसे पहन कर आई हूं" । सिंपल उससे लिपटते हुए बोली
"शट अप एंड गेट लॉस्ट" । रवि उसे परे धकेलते हुए बोला ।
"एक तो हम आपकी सुहागरात मनवा रहे हैं और आप हैं कि बिगड़े ही जा रहे हैं । हम तो दी के कहने के अनुसार ही कर रहे हैं ये सब" सिंपल अपनी जुल्फें रवि के ऊपर बिखेरते हुए बोली
"परे हट नागिन, नहीं तो मैं तुझे थप्पड़ मार दूंगा" रवि का हाथ थप्पड़ की मुद्रा में तन गया था । रवि के रौद्र रूप को देखकर सिंपल वहां से भाग गई ।
दूसरे दिन सिंपल अपने घर वापस आ गई । उसे देखकर उसके घरवाले चौंक गये ।
"अरे, इतनी जल्दी कैसे आ गई तू" ? उसकी मां सीमा बोली
"हम क्या करते, जीजू ने भगा दिया हमें" सिंपल पैर पटकते हुए बोली
"काम हुआ कि नहीं" ? सिंपल के पापा अजीत ने पूछा
"कैसे होता ? उसने कमरे में घुसने ही नहीं दिया । हमने तो बहुत कोशिश की उनके साथ सोने की मगर उसने हाथ रखने ही नहीं दिया" सिंपल रुंआसी होकर बोली ।
"इतना छोटा सा काम नहीं हुआ तुझसे ? तू तो बहुत होशियार बनती है न ? एक जवान मर्द को फांस नहीं पाई और यहां भागकर आ गई । सारा खेल खराब कर दिया तूने । अब कैसे करेंगे उसे ब्लेकमेल" ? अजीत गुस्से से बोला ।
"मैंने तो अपना काम बखूबी कर दिया है । पिछली शादी की तरह ही मैंने तो उसे छूने भी नहीं दिया और बेदाग होकर भाग आई । बाकी काम आप लोगों का है । अब तुम जानो तुम्हारा काम जाने" डिम्पल बोल पड़ी ।
"पिछली शादी पर तो सिंपल ने राकेश को फंसा लिया था और वीडियो भी बना लिया था । जब राकेश को वह वीडियो दिखाया तो उसके होश फाख्ता हो गये । सिंपल अभी साढे पंद्रह साल की है इसलिए राकेश पर "पॉक्सो" एक्ट में केस चलाने की धमकी देकर उससे पांच लाख रुपए वसूल कर लिये थे । और आगे भी करते रहेंगे । हमने दीया की शादी रवि से डिम्पल नाम से इसीलिए की थी कि सिंपल उसे भी राकेश की तरह फांस लेगी और इससे भी पांच दस लाख रुपए वसूल कर लेंगे पर रवि हमारे फंदे में नहीं फंसा । अब परसों दीया को एक और लड़के रतनेश को दिखाना है । उसे मैंने दीया का नाम दीपिका बताया है । कल हमें एक आलीशान फ्लैट में चलना है जो मैंने एक महीने के लिए एक लाख रुपए किराये पर लिया है । हम लोग एक महीने के अंदर दीया की शादी कर देंगे फिर रतनेश को भी सिंपल फांस लेगी । रतनेश बहुत अमीर आदमी है । अगर वह फंस गया तो फिर जिंदगी भर के लिए और किसी को फांसने की जरूरत नहीं रहेगी" अजीत ने भावी योजना सबको बता दी थी ।
"पर इस रवि का क्या करें" सीमा बोली
"उसका भी बंदोबस्त कर दूंगा । पहले रतनेश को फंसाने के लिए कल फ्लैट में चलते हैं । वहां दीया को दिखाते हैं । उन लोगों ने अगर इसे पसंद कर लिया तो वे कल ही लाखों रुपए के गहने इसे "रोका" के नाम से दे जाऐंगे" ।
अजीत की योजना के अनुसार सारा काम संपन्न हो गया । रतनेश को दीया उर्फ डिम्पल उर्फ दीपिका पसंद आ गई और उसे एक हीरों का हार "रोके" में दे दिया । शादी का मुहुर्त बीस दिनों बाद निकलवा लिया अजीत ने ।
इसके बाद डिम्पल वापस रवि के घर वापिस आ गई । रवि बहुत खुश हुआ । उसने डिम्पल को बांहों में भर लिया और चुंबनों की झड़ी लगा दी
"लगता है जनाब को बहुत भूख लगी है" डिम्पल मुस्कुराते हुए बोली
"सच में , बहुत भूख लग रही है । सामने थाली सजी हुई है तो बताओ कैसे सब्र करें हम" ? रवि अधीरता से बोला
"बस, आज रात का और सब्र कर लीजिए सनम । कल पूरे छप्पन भोग मिलेंगे आपको" डिम्पल कनखियों से देखकर मुस्कुराते हुए बोली
"कल क्यों ? आज ही क्यों नहीं ? मुझसे अब और नहीं रहा जाता है" । रवि उसे गोदी में उठाकर बोला
"आज पांचवा दिन है ना ? भूल गए आप ? अभी पूरी तरह से शुद्ध नहीं हुए हैं हम ? कल बाल धो लेंगे तो शुद्ध हो जायेंगे । फिर सारी कसर निकाल लेना"
डिम्पल पलंग के एक कोने में आंखें बंद करके सो गई । रवि आज फिर से हाथ मलता रह गया ।
अगले दिन जब रवि ऑफिस से घर आया तो देखा कि डिम्पल घर पर नहीं है । उसने बाबूजी रघुवर दयाल से पूछा "डिम्पल कहां गई" ?
"उसकी मम्मी का फोन आया था । वे बाथरूम में फिसल गई बताईं इसलिए मुझसे कहकर चली गई है । उसकी छोटी बहन सिंपल यहां घर संभालने आ गई है" बाबूजी ने कहा
"वो क्यों आई है यहां ? किसने बुलाया है उसे" ?
"अरे इतना गर्म क्यों हो रहा है ? पीछे से घर संभाल लेगी वह और क्या"
"बाबूजी आप नहीं जानते हैं कि कैसी लड़की है वह ? अब मैं आपको कैसे समझाऊं ? आप उसे जल्दी से जल्दी निकाल दो यहां से, इसी में हमारी भलाई है" । यह कहकर रवि अपने कमरे में चला गया और अंदर से कुंदी बंद कर ली ।
दूसरे दिन रवि को महसूस हुआ कि दाल में कुछ काला है । डिम्पल अपने साथ क्यों नहीं सोने दे रही है उसे ? वह बार बार मैके जाकर सिंपल को क्यों भेज रही है और उसे मेरे साथ सोने को क्यों विवश कर रही है ? ये सिंपल भी मेरे साथ क्यों सोना चाहती है ? दाल में कुछ तो काला है । इसकी तहकीकात तो करनी चाहिए ।
वह अपनी ससुराल चला गया मगर वहां पर ताला लगा मिला । इससे उसका शक और पुख्ता हो गया । वह वहां से जाने वाला ही था कि उसे दूर से उसकी सास सीमा दिखाई दे गई । वह पैदल पैदल चलकर आ रही थी । उसे आश्चर्य हुआ । बाबूजी ने तो कहा था कि वह बाथरूम में फिसल गई थी और फ्रेक्चर हो गया था । इसका मतलब है कि वह सब कुछ फर्जी था । पर ये झूठ क्यों बोला गया था ? उसने कुछ देर सोचा मगर कुछ समझ में नहीं आया । तब वह एक पेड़ की ओट में होकर सब देखने लगा । सीमा घर से कुछ सामान लेकर ऑटो से एक फ्लैट में आ गई थी । रवि दूर से उसका पीछा कर रहा था ।
अगले दिन रवि सुबह से ही उस फ्लैट के बाहर आ धमका । उसने डिम्पल और उसके भाई को वहां से निकलते देख लिया था । वे दोनों मोटर साइकिल पर कहीं जा रहे थे । रवि भी उनके पीछे पीछे चल दिया । एक घर के सामने उनकी मोटर साइकिल रुकी और वे दोनों उस घर में चले गए । करीब आधा घंटे के बाद वे दोनों वापस आ गए तब रवि उस घर में गया ।
दरवाजा एक युवक ने खोला । रवि ने उससे पूछा "डिम्पल यहां क्यों आई थी " ?
"कौन डिम्पल" ?
"अभी एक लड़की एक लड़के के साथ आई थी न वो"
"अच्छा वो लड़की ? पर उसका नाम तो दीया है डिम्पल नहीं"
अब रवि का माथा ठनका । एक लडकी के दो नाम कैसे हो सकते हैं ? फिर वह बोला "कोई बात नहीं , वह डिम्पल न सही दीया सही । पर वह आई क्यों ? आपका उससे क्या संबंध है" ?
वह लड़का कुछ सोचकर बोला "आप कौन हैं और ये सब बातें आप मुझसे क्यों पूछ रहे हैं और मैं आपको क्यों बताऊं" ?
"वो लड़की मेरी पत्नी है महाशय, इसलिए" रवि उत्तेजित होकर बोला
यह सुनकर उस लड़के को हंसी आ गई । उसे हंसते देखकर रवि को बहुत आश्चर्य हुआ और कहने लगा "इसमें हंसने की क्या बात है" ?
"वह मेरी भी पत्नी है" उसने भयानक बम विस्फोट करते हुए कहा । रवि का मुंह यह सुनकर खुला का खुला रह गया ।
"यह कैसे हो सकता है" रवि चिल्लाया ।
"चिल्लाओ मत और दफा हो जाओ यहां से" उस लड़के ने फटाक से दरवाजा बंद कर लिया ।
रवि आसमान से गिरा और खजूर में अटक गया था । यह लड़का एकमात्र स्रोत था जो डिम्पल की हकीकत जानता था और वह सब कुछ बता सकता था । इसलिए इससे राज खुलवाना बहुत जरूरी लगा रवि को । अपने मतलब के लिए तो "गधे को भी बाप बनाना पड़ता है" रवि ने सोचा । रवि ने मिसरी सी मीठी आवाज में कहा
"दोस्त, हम दोनों एक ही नाव में सवार हैं इसलिए डूबेंगे तो दोनों डूबेंगे और बचेंगे तो दोनों बचेंगे । पता नहीं मैं आपकी कुछ मदद कर पाऊं या नहीं पर आप मेरी मदद अवश्य कर सकते हैं । दोस्त, बस इतनी सी गुजारिश है कि आप जो भी डिम्पल के बारे में जानते हो वह मुझे बता दो । बस मुझे और कुछ नहीं चाहिए । हो सकता है कि मैं आपकी बताई बातों से कुछ फायदा उठा लूं" । रवि गिड़गिड़ाने लगा ।
उस युवक को भी रवि पर दया आ गई और उसने दरवाजा खोलकर रवि को अंदर बुला लिया और सोफे पर बैठाकर बोला "दीया का परिवार पूरा फ्रॉड है । ये सब मिलकर लोगों को बेवकूफ बनाते हैं । मेरा नाम राकेश है । एक महीने पहले दीया से मेरी शादी हुई थी । अगले ही दिन वह अपने पीहर चली गई और अपनी छोटी बहन को मेरे घर भेज दिया । साली , उसकी छोटी बहन ने मुझे फंसा लिया और एक आपत्तिजनक वीडियो बना लिया । बस, उसी दिन से ये सब मुझे ब्लेकमेल कर रहे हैं साले । पांच लाख तो पहले ले चुके हैं । आज एक लाख और लेकर गये हैं । पॉक्सो एक्ट में फंसाने की धमकी भी देते हैं साले" ।
अब रवि को समझ में आ गया कि डिम्पल उर्फ दीया उसे अपने साथ क्यों सोने नहीं दे रही थी और सिंपल को बार बार रवि के घर क्यों भेज रही थी ? इसका मतलब है कि पूरा परिवार इस धंधे में लिप्त है । शायद अब किसी और को फंसाना चाहते हैं ये लोग । इसीलिए उस फ्लैट में रह रहे हैं आजकल" ।
"अगर मैं पुलिस केस करूं तो कोर्ट में गवाही दे दोगे" ?
"कैसे दे सकूंगा गवाही ? सालों के पास मेरी वीडियो पड़ी हुई है" राकेश बेबसी से बोला ।
रवि ने उन्हें सबक सिखाने का निश्चय कर लिया । वह घात लगाकर उनका पीछा करने लगा । एक दिन उसे पता चला कि वे एक प्रिंटिंग प्रेस पर गये थे । उसने प्रेस वाले से पूछा तो उसने बता दिया कि वे लोग शादी का कार्ड छपवाने आये थे । उसने कार्ड देखा उस पर लिखा था "दीपिका वैड्स रतनेश" । अब रवि को सब कुछ समझ में आ गया कि डिम्पल की तीसरी शादी रतनेश के साथ होने जा रही है । वह एक कार्ड ले आया और वह रतनेश के पते पर चला गया ।
वहां पर उसने देखा कि रतनेश एक बहुत अमीर आदमी है और उसके घर में शादी की तैयारी हो रही है । रवि एक ईवेंट मैनेजर बनकर रतनेश से मिला और बातों बातों में उसे पता चल गया कि रतनेश की शादी डिम्पल से ही हो रही है । कार्ड में दीपिका नाम लिखा है और मम्मी पापा का नाम भी और कुछ है । इतने सबूत बहुत थे FIR के लिए ।
वह घर आया और घर पर उसने बाबूजी को सारी बातें बता दी । डिम्पल के फ्रॉड होने की जानकारी भी उन्हें दे दी । बाबूजी ने इतना ही कहा "जो तेरी मरजी में आये वो कर पर अभी तू आराम कर ले । मैं तेरे लिए चाय बनाकर लाता हूं" ।
अगले दिन सुबह जब रवि घर में नहीं दिखा तो बाबूजी ने हल्ला मचाया । मगर रवि कहीं हो तो दिखाई दे ? तब बाबूजी ने उसके गुम होने की रिपोर्ट थाने में लिखा दी ।
पुलिस उसे ढूंढने निकल पड़ी । रास्ते में पुलिस की गाड़ी के चालक को लघुशंका हुई तो वह सड़क के किनारे सरसों के खेत में शंका निवारण हेतु गया तो वहां पर एक लाश देखकर वह घबरा गया । पूरा स्टॉफ वहां पर आ गया और उस लाश के फोटोग्राफ लेकर थाने पर चस्पा कर दिये और अखबारों में भी लावारिस लाश के रूप में छपवा दिये ।
जब राकेश ने रवि की लाश का फोटो अखबार में देखा तो उससे रहा नहीं गया और वह पुलिस स्टेशन जाकर उस लाश की शिनाख्त कर आया । उसने अपनी और रवि की शादी की सारी कहानी बता दी । पुलिस ने डिम्पल के पूरे परिवार को पकड़ लिया । अजीत के परिवार ने झूठी शादी करके सिंपल के जरिए ब्लेकमेल करना तो कबूल कर लिया मगर रवि की हत्या करना कबूल नहीं किया । रवि की हत्या एक पहेली बनी हुई थी ।
इंस्पेक्टर सुधीर ने सबके मोबाइल जब्त कर लिये । सिंपल के मोबाइल से सिंपल और राकेश का वीडियो मिला । उसे एक और वीडियो मिला जिसे देखकर सुधीर चौंक गया । उस वीडियो ने उसका माथा घुमा दिया । वह अपनी टीम लेकर उस व्यक्ति के घर पहुंच गया जिसका वीडियो था और उसे थाने ले आया ।
इंस्पेक्टर सुधीर ने उस व्यक्ति से कहा "देखिए, हम अहिंसा के पुजारी हैं इसलिए सारी बातें सच सच बता दीजिए वरना हम अहिंसा के इतने भी पुजारी नहीं हैं कि तुम्हारी हड्डी पसली सही सलामत छोड़ दें । अब तुम खुद सोच लो कि हमें अहिंसा का पूरा पुजारी बने रहने दोगे या आधा अधूरा" ? इन बातों से वह आदमी टूट गया और फूट फूटकर रोने लगा । वह व्यक्ति रवि का बाप रघुवर दयाल ही था ।
वह कहने लगा "जब रवि दस साल का था तब इसकी मां चल बसी थी । हमने ही इसे मां और बाप का प्यार दिया था । रवि होनहार लड़का था इसलिए पढ लिखकर नौकरी करने लग गया । हमने उसकी शादी डिम्पल से कर दी । डिम्पल के घर में बार बार समस्याऐं आने के कारण डिम्पल मैके चली जाती थी और अपनी छोटी बहन सिंपल को भेज देती थी । पता नहीं क्यों रवि सिंपल को पसंद नहीं करता था ।
एक दिन डिम्पल पीहर गई थी और रवि भी घर में नहीं था तब सिंपल आई और बोली "बाबूजी , दी ने मुझे आपका ध्यान रखने को भेजा है पर जीजू मुझे पसंद नहीं करते हैं । तो आप ही बताइए मैं क्या करूं" ?
मैंने उसे कह दिया कि तू घर का काम कर ले और रवि के आने से पहले तू यहां से चली जाना । तब तक मुझे पता नहीं था कि डिम्पल का पूरा परिवार फ्रॉड है ।
सिंपल घर का काम कर के बाथरूम में नहाने चली गई । मैं जब अपने कमरे में गया तो अपने बाथरूम में सिंपल को नग्न अवस्था में दरवाजा खोलकर नहाते देखकर दंग रह गया । मैंने पिछले 15-16 सालों से किसी औरत को छुआ भी नहीं था इसलिए सिंपल को उस हाल में देखकर मुझे "भूख" लग आई । सिंपल ने मुझे उसे नहाते हुए देखकर कहा "चोरी चोरी क्या देखते हो, खुलकर देखो ना" और वह मुझे बाथरूम में ले गई । खुद ने ही मेरे कपड़े निकाल दिए और फिर हम दोनों खूब नहाये । फिर वह मुझे बिस्तर पर लेकर आ गई और मुझे जी भरकर "खाना" खिलाया । मेरी सारी भूख मिट गई थी ।
तब हम दोनों ने कपड़े पहने और वह मुझे वीडियो दिखाने लग गई । वीडियो को देखकर मुझे उसके षड्यंत्र का पता चला । लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी । उसने एक लाख रुपए की मांग रख दी थी । अब मेरे पास में और कोई विकल्प बचा ही नहीं था । "मरता क्या न करता" वाली कहावत लागू हो रही थी मुझ पर । झक मारकर मुझे एक लाख रुपए देने पड़े उसे ।
एक दिन जब रवि ने मुझसे कहा कि डिम्पल का पूरा परिवार फ्रॉड है और वे लोग डिम्पल की एक और शादी करने जा रहे हैं , तब मुझे इनकी असलियतपता चली थी । । रवि ने पुलिस में जाकर रिपोर्ट दर्ज कराने की बात की तो मैं बहुत डर गया था कि अब मेरा भांडा फूटने वाला है । इसलिए मैंने रवि को चाय में नींद की गोलियां मिलाकर पिला दी और तकिये से उसका मुंह दबाकर मार डाला । फिर गाड़ी निकाल कर उसका शव उसमें रखकर सड़क के किनारे एक खेत में फेंक आया और दूसरे दिन गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखा दी । मुझे यकीन नहीं था कि मैं पकड़ा जाऊंगा मगर भाग्य में तो जेल लिखी थी । अब पछताने से क्या होता है ? मैंने जरा से सुख के लिए सारी उम्र की तपस्या भंग कर दी थी । मेरा अपराध माफी योग्य नहीं है । सच ही कहा है किसी ने कि "काम" की "भूख" सबसे खतरनाक होती है ।
इंस्पेक्टर सुधीर ने उन सबके खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र प्रस्तुत कर दिये ।