बेटी पढ़ाओ
बेटी पढ़ाओ
माँ , तुम चकरघिन्नी की तरह दिन भर काम करते रहती हो, फिर भी घर में कोई तुम्हारा उतना इज्जत नहीं करता, जितना छोटी चाची का। देखो, छोटी चाची को... वो घर का एक काम नहीं करती ! फिर भी घर के सभी लोग उससे हँस-हँसकर बातें करते हैं। ऐसा क्यों...?" माँ को किचन में खटते देख बेटी झुंझलाकर बोली। "
अरे मेरी भोली बेटी, तुम्हारी छोटी चाची ऑफिस में काम करती है ना... ! इसलिए तो मैं तुमसे हमेशा कहती हूँ, दिल लगाकर पढ़ाकर।"
छोटी सी बेटी को सीने से लगाते हुए माँ बुदबुदायी।