Ritu Garg

Inspirational

4.0  

Ritu Garg

Inspirational

अतीत से वर्तमान

अतीत से वर्तमान

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201



कभी कभी जब मन नहीं लगता अपनी ही प्रोफाइल खोल कर देखने बैठ जाती हूं। I याद करती हूं उन पलों को जब अपलोड करने के लिए मेरे पास कुछ भी नहीं होता था फिर भी मैं कुछ अच्छे विचार जरूर साझा करती थी उन्हीं पलों को सहेजते, समेटते जाने कैसे वर्तमान आ गया और हर किसी से जुड़ाव होते चला गया अब वर्तमान हमेशा अच्छा लगने लगा था।कलम ने भी कुछ कहना शुरू किया था। अब हर बात में जीने लगी थी। अपनी दुनिया में रचने बसने लगी थी। सौभाग्य ने साथ दिया था इसलिए मैं महकने लगी थी। हर पहलू को जीवंत करने लगी हूं। अपनी ही दुनिया में जीने लगी हूं।


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