अपनी काबिलीयत
अपनी काबिलीयत
एक बार की बात है। राजापुर नाम का एक गांव था। वहां चंदा नाम की एक लड़की रहती थी वह लड़की बहुत मोटी थी। इसलिए उसे सब चिढ़ाते थे मोटी मोटी कहकर। सब लोग उस लड़की का बहुत मजाक उड़ाया करते थे कि यह बहुत मोटी है इसे कौन शादी करेगा।
उस लड़की को भी बहुत बुरा लगता था कि सब उसे इसे कहते हैं कि वह बहुत मोटी है वह अपने मोटापे से बहुत परेशान थी और बहुत दुखी रहती थी। उसे लगता था कि कोई उसे पसंद नहीं करता करता है उसमें कोई काबिलीयत नहीं है वह कुछ नहीं कर सकती हैं।
परंतु चंदा को खाने बनाने का बहुत शौक था। अलग-अलग प्रकार के कई व्यंजन बना सकती थी। उसके हाथों में तो जैसे जादू ही था। पर उसके इस शौक को कोई नहीं समझ सकता था।
एक बार गांव में कुछ विदेशी पर्यटक घूमने आए और उन्होंने गांव में एक कार्यक्रम रखा। उस कार्यक्रम में उन्होंने खाना बनाने की प्रतियोगिता रखी।
चंदा भी उस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए अपनी मां से बोली कि मां में भी इस प्रतियोगिता में भाग लेना चाहती हूं। चंदा की मां ने बोला की बेटी मुझे तो कोई आपत्ति नहीं है परंतु तेरा सभी मजाक उड़ाएंगे। चंदा बोली कोई बात नहीं मां पर मैं इस प्रतियोगिता में भाग लूंगी। आप केवल पिताजी को मना लीजिए।।
चंदा की मां ने जैसे तैसे चंदा के पिता को मना लिया और चंदा ने प्रतियोगिता में भाग ले लिया।
परंतु सभी गांव वालों ने उसका बहुत मजाक उड़ाया कि खाना खाकर इतनी मोटी हो गई है तू क्या इस प्रतियोगिता को जीतेगी ।
पर चंदा नहीं इस बार हार नहीं मानी और कहा कि मैं यह प्रतियोगिता जरूर जीतूँगी।
प्रतियोगिता शुरू हुई और चंदा ने कई प्रकार के व्यंजन बनाए।
अतः मैं प्रतियोगिता का परिणाम घोषित किया गया और चंदा ने जीत गयी। और उसे दस लाख रुपए का इनाम मिला।
सभी लोग हैरान रह गए तभी प्रतियोगिता के संचालन ने कहा कि कभी किसी के रुप रंग के आधार पर नहीं आंकना चाहिए।
अगर कोई मोटा है तो इसका मतलब ये नहीं है कि वह कुछ नहीं कर सकता।
चंदा का सदैव आप सब ने मजाक उड़ाया फिर भी आज इसने अपनी काबिलीयत को दिखा आपको जवाब दे दिया कि ये कुछ भी कर सकती हैं।
सभी लोगों ने चंदा से माफी मांगी। चंदा के माता-पिता को भी चंदा पर बहुत गर्व हुआ और चंदा से माफी मांगी की हमें माफ कर दो चंदा हम आज तक तुम्हारी काबिलीयत नहीं समझ पाये।