GOPAL RAM DANSENA

Abstract Inspirational

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GOPAL RAM DANSENA

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अंतिम इच्छा

अंतिम इच्छा

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कहते हैं कि जीवन के अंतिम पड़ाव में जब व्यक्ति अपने बचपन पर लौट आता है तो जीभ आंख कान सब की सक्रियता बढ़ जाती है I और इन सब के बीच मन में एक ख्वाब भी पलने लगता है और वो अनोखा ख्वाब है, अपने सब प्रिय के बीच अंतिम साँस लेने कीI

कभी-कभी ये सब के लिए सच नहीं हो पाता कोई कोई अपने के अंतिम समय में साथ नहीं रह पातेI और हमने ये देखा या कहते सुना होगा कि जैसे ही अमुक ने गंगा जल दिया उसने प्राण त्याग दिए वो उसी का राह देख रहा था I ये उसी मन के कारण ही सम्भव होता है लोग महीनों तक मृत्यु शय्या पर पड़े रहते है किसी के इंतजार में I अपने प्राण वायु को दृढ़ इच्छा शक्ति से रोक कर इंतजार करना जिस इच्छा शक्ति का प्रयोग वह अपने जीवन काल में कभी भी किसी को पाने में नहीं किया. I

यहां हम यह बात सीख सकते हैं कि इच्छा-शक्ति का प्रयोग अपने जीवन में किसी शांति खोज को प्राप्त करने के लिए करें तो शायद वो कार्य संभव हो I

अपने अंतिम क्षणों में बुजुर्गों की एक और अभिलाषा की उसका मृत्यु भोज के लिए होता है वे अक्सर कहते हैं कि उनका दस कर्म बड़ी धूम धाम से किया जावे जिसमें अपने सब शामिल हों जो उसके जीवन काल में उसके प्रिय रहे, साथ ही उन लोगों को शामिल नहीं करने की नसीहत देते हैं जो उनके नजर में उनके लिए दुख दायी रहे I कोई कोई बुजुर्ग तो अपने लाश को भी छुने न देने की इच्छा जताते हैI

जो भी हो बुजुर्ग हमारे लिए प्रेरणा श्रोत हैं उनके अंतिम क्षणों में उनकी देखभाल करना I उनके साथ रहते हुए कुछ पल साथ बैठकर बातचीत करना हमारा कर्तव्य है I 


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