rekha karri

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अंत में तुम्हारी इच्छा तो पूरी हुई

अंत में तुम्हारी इच्छा तो पूरी हुई

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कामिनी का जन्म एक मध्यम वर्गीय ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके यहाँ आए दिन पूजा अर्चना होती रहती थी। उस समय उसकी सहेलियाँ नाइटी पहनती थी। परंतु कामिनी के घर में इन सब कपड़ों को पहनना मना था। जब छोटी थी तब लंबा गाउन टाइप फ्रॉक पहनती थी। थोड़ी बड़ी हुई तो साड़ी पहनने लगी। उसकी भी इच्छा थी कि वह नाइटी पहने। खैर !! उसकी शादी हो गई। पति भुवनेश्वर में नौकरी करते थे सोचा वहाँ पर पहन लूँगी क्योंकि सास नहीं थी दो ननद थी जो छोटी थी। उसने सोचा वे पहनती ही होंगी उनके साथ मैं भी ख़रीद कर पहन लूँगी। ससुराल आकर देखा कि छोटी ननद बारह साल की ही है और बड़ी ननद साड़ी पहनती थी। कामिनी अपने पति से पैसे लेकर छोटी ननद के लिए एक नाइटी ख़रीदने गई। उसके लिए ख़रीदते हुए अपने लिए भी एक ख़रीद लिया। जब घर आकर उसे पहनाया और खुद रात को पहनने की सोच खुश हो रही थी कि ससुर ने उसे बुलाया और कहा देखो कामिनी मुझे इस तरह के कपड़े पहनना पसंद नहीं है तो मेरी बच्ची को नहीं पहनाना। ले ….अब जब छोटी बच्ची नहीं पहन सकती तो मेरी क्या मजाल की पहन लूँ इसलिए उसे अलमारी में सबसे नीचे छिपा दिया। दिन साल गुजर गए थे दोनों ननदें शादी करके चली गई। कामिनी के भी बच्चे हो गए थे। बच्चों को कभी उसने यह बताया था कि मेरी नाइटी पहनने की बहुत इच्छा थी जो पूरी ही नहीं हुई थी। बेटियों ने हँस कर टाल दिया था। यह बात आई गई हो गई थी।

कामिनी अपनी बड़ी बेटी की शादी के लिए शापिंग करने गई थी। वहाँ से घर आ रही थी कि ऑटो पलट गया और कामिनी गिर गई थी। उसके सीधे हाथ में हेयरलॉइन फ़्रैक्चर हो गया था। पट्टी बंध गई थी और उससे साड़ी पहनना नहीं हो रहा था तब बेटी ने माँ की अलमारी में कपड़ों के नीचे पड़ी नाइटी निकाल कर माँ को पहनाया। सब लोग तालियाँ बजा रहे थे। पति ने कहा वाह!!कामिनी नाइटी पहनने के लिए हाथ को ही तोड़ना पड़ गया पर कोई बात नहीं है अंत में तुम्हारी इच्छा तो पूरी हो गई है न। सब हँसने लगे शर्म से कामिनी का सिर झुक गया था और होंठों पर हँसी आ गई थी।



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