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Nandini Upadhyay

Children Stories

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Nandini Upadhyay

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अम्मा का शौक

अम्मा का शौक

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    मैं देख रही थी अम्मा का व्यवहार आज कल बहुत चिड़चिड़ा हो गया है । वह हर बात पर चिल्लाने लगती हैं।

कभी रोने लगती , मैं और राघव कितना ख्याल रखते है अम्मा का पर ये तो पता नहीं क्या सोचती हैं दिन भर चिढ़ी रहती हैं, मुझे तो इतने ताने मारती हैं ,जैसे मैं इनकी सबसे बड़ी दुश्मन हूँ और तो और अपनी सहेलियों से भी मेरी और राघव की बुराई करती रहती हैं।

  मैंने राघव से भी कहा तो उसने तो बात टाल दी कि, और कहा बुढ़ापे में ऐसा होता है। मगर मुझे तो बुरा लगता है ना , इतना करने के बाद यह सिला । मैंने सोच लिया शीला दीदी से बात करने करूँगी। मैंने कल उन्हें पूरी बात बतायी तो उन्होंने आज आने जा वादा किया है।

 शीला दीदी आईं, उन्होंने कहा अम्मा से मैं अकेली बात करूँगी ,भाभी आप दरवाजे की ओट से सुन लेना ।

मैंने भी दरवाजे में कान लगा लिये । 

 शीला दीदी ने पूछा तो अम्मा ने हँसते हुए कहा कि उन्हें मोहल्ले में होने वाले प्रोग्राम में बुरी सास का रोल करना है इसलिए वो दिन रात उसकी प्रेक्टिस करती रहती हैं।

और यह सुनकर बाहर मैंने अपना सर पिट लिया ।



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