आदमी
आदमी
जंगल के सभी जानवर अपने-अपने घोंसले और गुफा में जल्दी-जल्दी जा रहे थे, भागते हुये लोमड़ी ने हाथी से पूछा-क्या हुआ गजराज कहाँ भागे जा रहे हो?हाथी ने कहा जल्दी भाग लोमड़ियां तेरी तिकड़मी चाल भी उनके सामने ना चले, वो तो जंगल के राजा को कैद कर लेते है, कुछ जानवर को खा लेते है और कुछ से काम लेते है कुछ का व्यापार करते है प्रकृति के हर चीज का उपयोग अपनी सुविधा के लिए करते है इनको समझ पाना बहुत मुश्किल है ये काम हो तो गधे को बाप बना लेते है और काम निकल जाए तो अपने बाप को नहीं पहचानते है। लोमड़ी ने कुटिल मुस्कुराहट के साथ कहा-गजराज कहीं तुम आदमी की बात तो नहीं कर रहे हो। गजराज ने हामी भरते हुए अपनी चाल तेज कर दी तो लोमड़ी ने कहा हाँ ये तो किसी की नहीं होते लेकिन अफसोस इस बात का है कि तिकड़मी आदमी की तुलना मुझसे की जाती है तो मुझे बहुत बुरा लगता है अचानक गोली की आवाज सुन लोमड़ी अपनी गुफा में जाते हुए बोल रही थी लगता है आदमी जंगल में आ गये यहाँ का सुख चैन खत्म करने के लिये।