तक का लम्बा सफर किया है हम लोगों ने। "मैंने सब्जियाँ उठाकर किचेन में जाते हुए कहा। तक का लम्बा सफर किया है हम लोगों ने। "मैंने सब्जियाँ उठाकर किचेन में जाते हुए कह...
ऐसा क्यों बोला पर दो इंसान बहुत अच्छे से समझ रहे थे कि नैतिक ने ऐसा क्यों बोला। ऐसा क्यों बोला पर दो इंसान बहुत अच्छे से समझ रहे थे कि नैतिक ने ऐसा क्यों बोला।
ताया : तो बैठ हुक्का पी।( धुँए को फिक्र में उड़ाते हुए) ताया : तो बैठ हुक्का पी।( धुँए को फिक्र में उड़ाते हुए)
सबके दबाब में शालिनी को अपनी अजन्मी बेटी को खोना पड़ा। उसका दर्द कोई समझ ही नहीं पाया। सबके दबाब में शालिनी को अपनी अजन्मी बेटी को खोना पड़ा। उसका दर्द कोई समझ ही नहीं...