भारत को 4 तरह के समूहों से भयंकर खतरा है
आज भी जब वो दृश्य याद आता है तो बरबस हंसी आ जाती है।
या तो अपने साथियों की ख्वाहिशों को स्वीकार करें या पृथ्वी से ग़ायब हो जाएँ
आज वह खुद को शर्मिंदा महसूस कर रहा था। उसका रोम-रोम आत्मग्लानि से भर गया।
कृतज्ञता ज्ञापित करने एवं वसन्त के हर्षोल्लास का भी पर्व है।
बैक्टीरिया के जीन को उत्परिवर्तित यानी जीन म्युटेशन किया गया है