“अरे हाँ… चल मुझे अभिषेक के PC में एक डायरी मिली है जिस पर बहुत कुछ लिखा है लेकिन एक अजीब बात है.......
सारे नकारात्मक विचार तिरोहित हो चुके थे और प्रेम का अँकुर अब नन्हीं कोंपल का रूप ले रह
कभी फुरसत निकाल कर आओ तो बैठकर बातें करेंगे।" कहकर अंजलि ने फोन काट दिया।
सास ससुर ने सिर्फ बेटी मना ही नहीं बेटी की तरह बहु को विदा भी किया
क्योंकि अब मैं खुद एक कायर और बुजदिल समीर को छोड़कर हमेशा हमेशा के लिए जा रही हूँ।
क्षमा के बारे में मुझे पहले ही इतना कुछ बता दिया गया था कि मैं भीतर ही भीतर कुछ डरा हुआ सा था। यदि आपकी टीम में कोई ऐसा ...