फिर...उसने अपना पर्स उठाया और सबको धन्यवाद कहा और वह.... वहां से चली गई।
एक जीवित मां को मांगने पर उसकी पसंद का भोजन क्यों नही मिल पाता।
काम -धंधे वैसे ही बंद हो गए, और ऊपर से यह महंगाई
जानकी हमेशा सब्जी वाले ,फूल वाले ,फल वाले से सौदा करके खरीदती थी । सबसे गर्व से कहती ।ल
और ईश्वर का नाम भी कोई जपे तो किस तरह जपे क्योंकि इस सच्चाई से तो आप सभी वाकिफ हैं, कि~
आसपास के दुकानदार भी वहां इकट्ठा हो गए, उन्होंने सुमन और सुधा को समझाया कि, यहां आपको अच्छा सामान कम कीमत पर तभी मिलेगा ...