भोलू केवट को वो अपने राजदरबार में एक महत्वपूर्ण पद प्रदान करते है।
उदासियों में घिरी रंजना और गीता-निवास दोनों गृह-स्वामी का रास्ता देखते ही रह गए।
अगर कोई खुद को ज्यादा चतुर समझता है तो कभी उसे सेर पर सवा सेर इंसान भी मिल ही जाता है।