इंसानियत का फर्ज़ है, कोरोना को हराना है।
दोनों की आंंखों में आँसू थे और वे अन्तिम बार एक दूसरे के गले लग गए।
?
इतना कहते हुए वो अर्चना से लिपट गया।
कुछ ही दिन बीते थे कि फर्ज ने विश्वास को फोन पर बताया कि मेरा स्थानांतरण
क्यों इतना सब करके भी वह आज तक पराई है ? क्यों ?