प्रकृति वसुधा परिवेश पर्यावरण पीड़ा में रहें हैं कबसे पुकार। अब तो अति हो गई मानव, अपना व्यवहार सुधार।
वो आसमान जो कभी प्रदूषण और धुएँ में नजर नहीं आता था आज नीला और साफ दिखाई देता है
ये मुर्गे प्रदूषण नहीं फैलाते, बल्कि प्रदूषण न फैलाने की शिक्षा देते हैं..
दिन पर दिन बढते प्रदूषण के कारण ये सब हो रहा है ,
हर सुबह एक उम्मीद से नींद खुलती है
कुदरत के आगे सभी विवश हैं।