उनकी पत्नी ने वीरता-सम्मान गौरवान्वित होकर ग्रहण करते हुए उभरते विमान की छवि यादों में संजोकर रखी।
अगर हम ज़िन्दगी में आए मुसीबतों का मुकाबला मिल कर करें तो किनारे तक पहुंचना आसान हो जाता है
फिर एक दिन ऐसा कुछ हुआ जो पहले कभी नहीं हुआ था। रात के अंधेरे मे, पानी की सतह पर चमकता, टिमटिमाता, रौशनी से जगमगाता दानव...
वो तो एक छोटा सा छेद था, जिसे मैंने मसाले से बंद करने के बाद पेंट कर दिया था
काफी मशक्क़त के बाद सुनील को वह नौजवान बाहर निकालकर ले आता है।
देखो भैया, तुम्हारी मंदी से अब भी ये नाव परफेक्ट नहीं बनती।मेरे लिए नाव बना दोगे ना?"