पिता के गुजरने के बाद माँ भाई के लिए दवाई लाने गयी और इज्ज़त गंवा बैठी, पैसों का भी अभाव था, मुझे लगा कमाई करने का ये एक ...
मनोज का रोज रोज शराब पी कर आना , मंजरी के बुरा व्यवहार करना, कई कई दिन तक बात चित बंद रहना ये सब अब बर्दाश्त के बाहर हो ...
स्वर में कहते हैं, तो वकील साहब बिना समय लिए अभी ही कोशिश कीजिये ना।
मेरे बेटे को नौकरी मिल जाए तो घर की दशा कुछ ठीक हो।
बार बार मेरी नज़र उनके ऊपर ठहर जाती थी
बाल विधवा हूँ मैं। मेरा दुनिया में कोई नहीं है। चाची के पास पली बढ़ी। गौने से पहले ही पति गुज़र गया।