जब लड़की को सच्चाई का पता लगा, तब उसे बहुत गहरा दुख पहुंचा
तभी सौम्या के आवाज से दोनो की तन्द्रा टूटी, तुम लोग पहले से जानते हो क्या एकदूसरे को।
जब कभी हवाऐंं मेरे चेहरे को छूती हैं, ये आँखें मेरी बेबसी के ग़म मेंं रोती है। जब रात को टिमटिमाते है वो तारे फ़लक में,...
बिन्नो !" अंदर से कोई प्रत्युत्तर न मिलने, और खुले कमरे में पत्नी को न पा वो शंकित हो उठा। कमरे में खुले सन्दूक और बिखरे...
हाँ-हाँ वहीं कच्ची झोपड़ियों के सामने वाली कोठी---।
सौम्या बहुत टूटा हुआ महसूस कर रही थी, सोचते सोचते उसकी आंखों में आंसू आ गए