नहीं जा पायी क्योंकि बिल्ली रास्ता काट गई। प्रिया ने मुस्कराते हुए जवाब दिया।
भैया के लिए साथ में कभी खुशी कभी गम के आँसू बहाऊँगा। चिंता मत कर जानवर हूँ तो क्या हुआ दिलोजान से फर्ज निभाऊँगा।
शायद एकआध बार उसने हम से नजर मिलायी भी हो पर ऐसा जब भी हुआ होगा हम ने झट से नजर चुरा ही ली होगी
सुबह की चली हुई पहुँचते पहुँचते उसे शाम हो गयी।
मेरी खामोशी की तरह जिसे मैं अक्सर सुना करता हूँ तुम्हारे साथ रहते हुये।
दोनों पति- पत्नी ने कई बार सोचा कि कहीं अनजाने में पिताजी का दिल न दुख गया हो।