मैं बोझिल मन से गाँव से विदा हो गया।
वो आज फिर वही छोटी लड़की बनना चाहती थी, वो गांव की छोटी लड़की।
बस इतना कह के वो हमेशा के लिए खामोश हो गई।
रहने वाले ही यदि ईंट और गारा में बदल जाए तो घर बनेगा कैसे ?
लेखक : अलेक्सान्द्र कूप्रिन अनुवाद : आ. चारुमति रामदास।
दो लोगो की प्रेम कथा