मुझे पहचाना मे कौन बोल रहा हूं?मै वही हो जिसे आप घर से निकलने से पहले देखते हो।
तब आईने ने मेरी आँखों में झांककर कहा के नया साल, नयी रौशनी, नया जीवन और नयी उम्मीदें ।
सबने लाइट ऑफ कर दी रीना बहुत डरी हुई थी उसके माथे पर पसीना आ रहा था।
बिन्नो !" अंदर से कोई प्रत्युत्तर न मिलने, और खुले कमरे में पत्नी को न पा वो शंकित हो उठा। कमरे में खुले सन्दूक और बिखरे...
मेरी ज़िंदगी की साँस कब तक है में नहीं जानती लेकिन तुम मेरे साथ हो यही बहुत है मेरे लिए
आज उसकी अतीत के आईने ने अनीता की हिम्मत को और बढ़ा दिया. उसे अब थोड़ा अच्छा लगा!