बिज़ली के बल्बों का स्वीच ऑफ करते हुए अपना मॉर्निंग वॉक पूरा कर रहा है।
क्या भगवान भी निश्चल हृदय रत्तू चाचा को पहले से बता दिए ? जाने का समय।
अपमान नहीं होने दे सकते।" उसका जवाब सुनकर मैं स्तब्ध रह गया।
जो दूसरे प्राणियों की भलाई करता है, उसकी भलाई अपने-आप होती है।
क्योंकि अशिक्षित व्यक्ति प्रतिस्पर्धा में खरगोश के समान सदैव लज्जित होते हैं।
अनपढ़ पिता के लिए बहुमान रखने की शिक्षा देती छोटी सी कहानी।