सिसकते हुए...

सिसकते हुए आँसुओं ने पलकों से पूछा, आज मैं दहलीज़ से बाहर क्यों गिर पड़ा। पलको ने कहा आज सब्र का बांध टूट गया है।

By achla Nagar
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