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फेसबूक रंगमंच के हम ही वकील हैं और हम ही न्यायधीश हैं ! छोटी -मोटी गलतिओं को नज़र अंदाज़ करना चाहिए ! परंतु गलती जब अपराध का स्वरूप अख्तियार कर ले तो हमें वकील बनके इसकी तहकीकात करें और फेसबूक दंड संगहिता के तहद उचित और संतोषप्रद दंड देना चाहिए !@ परिमल
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