“
महिला हर मुश्किल दर्द सहती है पर्दा करती है
पति के पीछे चलती है पर वह कमज़ोर नहीं है
सबका सम्मान करना जानती है
घर को सम्भाल जोड़कर रखना चाहती है,
सामान करे दुर्गा लक्ष्मी, अपनी पर आए तो
चण्डी बन जाना भी जानती है
महिला दिवस दुनिया ऐसे ही नहीं मनाती है
”