“
कुछ रिश्तों के नाम नहीं होते,
रक्त संबंध या
रस्मों- रिवाज़ों के बंधन-जैसा
कुछ भी नहीं होता हैं उनमें।
पर, फिर भी,
बड़े अनमोल होते हैं,
वे अनाम से रिश्ते।
कुछ-कुछ कृष्ण और कृष्णा के रिश्ते जैसा!
पाँच- पाँच शूरवीरों की व्याहता होने पर भी,
कृष्णा को
”