STORYMIRROR

किताब की...

किताब की दुनिया ही अलग हैं किताबी ज्ञान के रास्ते पर चलने वाला व्यक्ति समाज में खुद को ढालने में असमर्थ हैं क्योंकि समाज रूढ़िवादी परम्पराओं से जकड़े हैं और दुनिया में नेक नहीं तेज लोग ही टिकते हैं

By jyoti pal
 10


More hindi quote from jyoti pal
14 Likes   0 Comments
13 Likes   0 Comments
29 Likes   0 Comments
21 Likes   0 Comments
26 Likes   0 Comments