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हमें यह देखना होगा कि कहीं ये फेसबुक से तो नहीं जुड़े हैं ?..खामखाह ..उनके व्हात्सप्प पर ...मैसेंजर पर उधार के पोस्टों को चिपकाते रहते हैं ..हो सकता है आप उसे उत्कृष्ट समझ रहे हों ..पर वे तो कहीं और उलझे पड़े हैं !...इसी तरह गूगल के अन्य विधाओं का हाल है जिसे बारीकिओं सोचना ...समझना ..और ....कार्यान्वन करना हमारा प्रथम कर्त्तव्य है तभी हम निखर पाएंगे और तभी हमारी मित्रता अक्षुण रहेगी !@परिमल
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