तू मेरे सीने पर भार बढ़ाता एक पल को न शर्माता है, मैं रत्न सारे तेरे घर में भरकर भी बिल्कुल न इतरा... तू मेरे सीने पर भार बढ़ाता एक पल को न शर्माता है, मैं रत्न सारे तेरे घर में भर...