यकीन हमको क्यों है
यकीन हमको क्यों है
दिल और दिमाग में चलती हमेशा जंग है,
दिमाग ये कहता है सपने कभी सच नहीं होते,
दिल ये बार बार कहता है कि सच होगा हर सपना तेरा,
अरसा गुजर गया तुझसे बिछड़े हुए एक सपना बन कर रह गए तुम,
सबने कहा हमसे की जो चला गया वो लौट कर नहीं आता,
पर तुम तो आज भी मेरे सपनों में आते हो,
नींदों से हमको जगाते हो, हमको आज भी हर पल हँसाते हो,
मेरे हर अश्क को मोतियों तरह संभालते हो,
सपनों की भांति तुम भी लौट आओगे हकीकत में,
ये बात हम जानते है क्योंकि सपने मेरे हर सच हो जाते है,
फिर ये सपना भी सच होगा एक रोज ये उम्मीद हमको जीने की उम्मीद दे जाती है,
औरो का तो पता नहीं पर सपने मेरे कभी नहीं टूटते-बिखरते,
इस बात का यकीन जाने हमको क्यों है!