ये प्यार
ये प्यार
प्यार पनपता है ऐसे,
जैसे सौंधी मिट्टी में वो बीज,
जो हल्कि धूप की सिकाई से,
और मंद पवन के स्पर्श से,
बन जाता एक पौधा,
हरी पत्तियों से भरा,
छोटी कलियों से सजा,
और बढ़ने को तैयार,
एक गठीले वृक्ष में,
थोड़ी पौष्टिक खाद के सेवन से,
मिट्टी, जल, धूप, पवन के मिश्रण से,
देने को तैयार मधुर फलों की सौगात,
और ठंडी छाया की भेंट।