ये आजादी अधूरी है
ये आजादी अधूरी है
75 बरस बाद भी भारत, "तन्त्र" से "लोक" की दूरी है
जब तक काम नहीं हर हाथ को, ये आजादी अधूरी है।
हर बालक क्या बस्ता लेकर विद्यालय जा पाता है
भूख, गरीबी, बीमारी के कुचक्र में क्यों फंस जाता है
बचपन के कोमल अधरों पर एक मुस्कान जरूरी है
जब तक काम नही हर हाथ को ये आजादी अधूरी है
आधी आबादी की सिसकी आज भी गूंजती कानों में
मर्द के साये से भी डरती वह, खेत मकान दुकानों में
इज्जत का गहना पहना दो , भर दो मांग सिन्दूरी है
जब तक काम नहीं हर हाथ को ये आजादी अधूरी है
मजहब की बेड़ी में जकड़े अंधविश्वासों में जीते हैं
जात से ऊपर उठ नहीं पाये देश में लगे पलीते हैं
देश विरोधी तत्वों पर अंकुश कसना बहुत जरूरी है
जब तक काम नहीं हर हाथ को, ये आजादी अधूरी है।