यात्रा
यात्रा
जीवन मिला खुदा की नेमत है
कुदरत ने बिखेरे उस पर से सुंदर रंग हैं
सोच रही बैठी इक दिन
चलो यात्रा कर लें जग को
पर्वतों को निहार कर देखें कला कुदरत की
देखो पर्वतों पर कैसे रश्मियां पड़ रहीं सूरज की
श्वेत हिम की आभा फैल रही सतरंगी सी
देखते देखते बादल ने ढक लिया
ओस की बूंदों ने पूर्ण हमें भिगो दिया
आकाश को छूते लंबे दरख्तों को देखो
मानो कह रहे हों ऊंचा उठो तुम भी
गिरना है आसान, गिरकर उठना कठिन है।