यादों की सीलन
यादों की सीलन
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उनकी तल्खियों में भी अपनी खुशी ढूँढ लेते हैं
उदासियाँ ओढ़े चेहरे पे भी हम हँसी ढूँढ लेते हैं।
गुनगुनाती हुई उस धूप के आगोश में जाकर
कुछ यादों के सीलन की हम नमी ढूँढ लेते हैं।
थिरकते हुए होंठो की खिलखिलाती मुस्कान में,
अपनी आँखों में बसी हुई हम बेबसी ढूँढ लेते हैं।
'जिंदगी 'अब तुझसे और क्या ही हम शिकवा करें
तुझसे खफा हो के भी, तुझमें जीने की मयकशी ढूँढ लेते हैं।