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Dinesh Dubey

Abstract Inspirational

3  

Dinesh Dubey

Abstract Inspirational

यादों के पिटारे से

यादों के पिटारे से

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यादों के पिटारे में 

बहुत कुछ होता है ,

खुशियां कम गम अधिक होता है ,

खुशियां तो भूल जाते हैं, 

गम याद रहता है ,

उन्हीं को याद कर तो 

इंसान खुद को बदलता है ,

उन्हीं लम्हों में अपने परायों 

का पता चलता है ,

वैसे आज कल अपने कम

पराए अधिक काम आते हैं,

और वो हमेशा यादों के

पिटारे में बसे रहते हैं



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