यादें
यादें
ऐसी मेरी कोई रात नहीं जब साथ तेरी याद नहीं,
ख़ैर अब कोई बात नहीं जब मैं ही तुझे याद नहीं,
सुना था 21 दिन मैं आदतें छूट जाती हैं,
फिर तू आज भी क्यूँ उतना ही याद आती है?
शायद तू आदत नहीं जिन्दगी बन गयी थी..
इस दिल की दिल्लगी बन गयी थी..
ख़ैर अब कोई बात नहीं जब मैं ही तुझे याद नहीं।
कभी याद आऊँ तो लौट आना
एक बार मेरा नाम लेकर मुस्कुराना,
जिन राहों पर छोड़ दिया था तुम्हें,
तुम्हारी खुशी के लिये वहीं
खड़ा मिलूँगा हाँ वहीं खड़ा मिलूँगा।