यादें
यादें
यह खुली डायरी,
यह अध जला सिगरेट,
यह चाय की प्याली क्या कहती हैं ?
कल की रात तुम्हें नींद नहीं आई !
या किसी की याद सताई है तुमको ?
उम्र के किसी मोड़ पे तुम्हें पता चलेगा,
कुछ लोग तुम्हारी ज़िन्दगी से
तुम्हारे दिल मैं ही ज्यादा महफूज़ है ।
उनकी यादें तुम्हे दुविधा मैं डालती होगी,
अगर यह या वह होता तो क्या होता ?
पर सोच के देखो !
यादें क्या सिर्फ तुम्हारी है ?
या उसके पास भी तुम कहीं बसे हो !