सफलता धार है सागर की, किनारों से इक दिन टकराएगी !!! सफलता धार है सागर की, किनारों से इक दिन टकराएगी !!!
तोड़ आलस की दीवार , खुली आँखों से देख स्वपन। तोड़ आलस की दीवार , खुली आँखों से देख स्वपन।
फिर से नम आँखें ,दो रोटी की मोहताज , एक हाथ में कलम ,दूजे हाथ में कई राज़। फिर से नम आँखें ,दो रोटी की मोहताज , एक हाथ में कलम ,दूजे हाथ में कई राज़।
खुद का महत्व समझा के दौड़ती रहती हैं। खुद का महत्व समझा के दौड़ती रहती हैं।
ऋषि भी इरफान के साथ मुल्क छोड़ चले।। ऋषि भी इरफान के साथ मुल्क छोड़ चले।।
साथ अपने मौत का फरमान लिए चलते हैं कहते हैं इन्हें देश के वीर जवान। साथ अपने मौत का फरमान लिए चलते हैं कहते हैं इन्हें देश के वीर जवान।