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Amit Bhatore

Abstract

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Amit Bhatore

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वसंत में याद तुम्हारी

वसंत में याद तुम्हारी

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हर वसंत में याद तुम्हारी साथ हमारे चलती है

दिल में अरमानों के साथ खुशियाँ लाखों पलती हैं


सतपुड़ा का ये आँचल नित नए गीत सुनाता है

टेसू के फूलों के संग सुंदरता रंग बदलती है


साथ राह में बहते झरने निर्मल-पावन लगते हैं

पेड़-पहाड़ों के काँधों से साँझ सुहानी ढलती है


दिन ढलने के साथ समय की मोहलत और बढ़ती है

महुवा फुले पेड़ों से मदमाती सांस मचलती है


सुंदर सरसो के खेतों में अम्बुवा मोर बौराते हैं

सतपुड़ा के अंचल में तन्हाई हाथ मलती है।


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