Shailaja Pathak
Romance
आंखों से प्रश्न पूछता,
हाथों से जवाब देता था वो,
और मैं यूँ ही खड़ी खड़ी,
मोमबत्ती सी पिघल जाया करती थी।
रामायण में मह...
मै नदी हूं
बोलो ना
अंगूठी
मेरा चांद
रेल की पटरी
कृति
मैं और तुम
अंगारे
यादें
मैं कड़वा काडा का घूंट था वो समझदार सी बंदी थी मैं खडूस सा बंदा था। मैं कड़वा काडा का घूंट था वो समझदार सी बंदी थी मैं खडूस सा बंदा था।
कामयाबी चूमे तेरे कदम खुशहाल रहे तू हर दम। कामयाबी चूमे तेरे कदम खुशहाल रहे तू हर दम।
भूल गया मानव अपनी नैसर्गिक प्रवृत्ति हो गया क्या उसकी आत्मा का हनन ! भूल गया मानव अपनी नैसर्गिक प्रवृत्ति हो गया क्या उसकी आत्मा का हनन !
माना की मेरी शक्ल आपको नापसन्द है पर इस दिल का क्या जो आप पर मर मिटा है। माना की मेरी शक्ल आपको नापसन्द है पर इस दिल का क्या जो आप पर मर मिटा है।
राधा और मीरा बसे हैं ऐसे, मानो एक श्वास तो दूजा प्राण ! राधा और मीरा बसे हैं ऐसे, मानो एक श्वास तो दूजा प्राण !
जीतते तो सिर्फ तुम और चुने हार हम फिर ये कैसे प्यार हम ? जीतते तो सिर्फ तुम और चुने हार हम फिर ये कैसे प्यार हम ?
यूँ लगता तुम यहीं कहीं हो पाने की चाहत जागी है। यूँ लगता तुम यहीं कहीं हो पाने की चाहत जागी है।
बेबाक से घूमो फिरो उड़ो आसमान में पंख फैलाओ नील गगन में। बेबाक से घूमो फिरो उड़ो आसमान में पंख फैलाओ नील गगन में।
हम अपने कमरे में, जिन्दगी का यह सफर, इसी तरह कट रहा है। हम अपने कमरे में, जिन्दगी का यह सफर, इसी तरह कट रहा है।
यह इश्क बड़ा अनमोल हम मोल लगा बैठे तराजू लेकर बैठ गए यह इश्क बड़ा अनमोल हम मोल लगा बैठे तराजू ले...
गुनाह कर भी लेता तो गुनाहगार नहीं होता इश्क़ मे होकर शायद वफ़ादार नहीं होता। गुनाह कर भी लेता तो गुनाहगार नहीं होता इश्क़ मे होकर शायद वफ़ादार नहीं होता।
बस लहरें आने तक साथ हूं ना थाम सकोगे तुम मुझको मैं तो फिसलती रेत हूं। बस लहरें आने तक साथ हूं ना थाम सकोगे तुम मुझको मैं तो फिसलती रेत हूं।
तेरे जैसा सारा जग हो अपना ये अरमान जुदा है ! तेरे जैसा सारा जग हो अपना ये अरमान जुदा है !
ये सब खेल वक़्त रचाता है इंसान तो सिर्फ किरदार निभाता है। ये सब खेल वक़्त रचाता है इंसान तो सिर्फ किरदार निभाता है।
एक ही साँस की ये सारी कसमकस जिंदगी की लो थोड़ी साँसें तुम हमारी उधार ही रख्खो। एक ही साँस की ये सारी कसमकस जिंदगी की लो थोड़ी साँसें तुम हमारी उधार ही रख्खो।
आशा और उम्मीदों के धागों को जोड़ों कोशिशों से जब तक है सांसें बुलंद रखो इरादे। आशा और उम्मीदों के धागों को जोड़ों कोशिशों से जब तक है सांसें बुलंद र...
एतराज़ कहाँ तेरे रूठने पे तुम रोज़ रूठो मैं मनाया करूँ। एतराज़ कहाँ तेरे रूठने पे तुम रोज़ रूठो मैं मनाया करूँ।
करते हैं सवाल किस्से वो सारे, कभी जिनमें तुम रहा करती थी! करते हैं सवाल किस्से वो सारे, कभी जिनमें तुम रहा करती थी!
वो बनकर रूह इस दिल के बहुत नज़दीक रहती है। वो बनकर रूह इस दिल के बहुत नज़दीक रहती है।
चिराग ए दिल में जलाओगे तो प्रेम बरसेगा दिल में निश्चित ही प्यार का उदय होगा ! चिराग ए दिल में जलाओगे तो प्रेम बरसेगा दिल में निश्चित ही प्यार का उदय होगा ...