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Shalini Dikshit

Others

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Shalini Dikshit

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वो पल

वो पल

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इंतजार के पल 

कभी मुश्किल

कभी बेहद खुशनुमा।

खुद में समेटे हुए,

अनगिनत रंग।

कभी लगते बहुत छोटे,

कभी मीलों लंबे।

सेज पर बैठी दुल्हन,

लगता इंतजार युगों लंबा

पलक झपकते ही

बीत जाती मिलन की रात।

वो पहली बार मायके जाना

मीलों लम्बा इंतजार,

पलक झपकते ही

वापस आना।

पल -पल इंतजार,

फिर नन्हे मुन्ने का जन्म होना।

पलक झपकते ही 

उसका बड़ा हो जाना।

मीलो लंबा बुढापा 

नही आता बुलावा ,

और पलक झपकते ही 

 जवानी का बीत जाना।

पलक झपकते ही 

बीत जाते खुशी के पल

मीलों लंबी लगती

विरह की रातें।

काश पलक झपकते ही

बीत जाएं सारी परेशानी और गम,

और मिल जाएं हमें,

मीलों लंबी चलने वाली

खुशियों भरे पल।


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